पाकिस्तान ने आईसीसी पर निशाना साधा
४ सितम्बर २०१०इंग्लैंड में पाकिस्तान के उच्चायुक्त वाजिद शमसुल हसन ने कहा कि जब पुलिस की पूछताछ हो रही है तो आईसीसी को बीच में कदम उठाने का हक ही नहीं है. वह पहले भी कह चुके हैं कि उन्हें लगता है जैसे इन तीनों खिलाड़ियों को फंसाया जा रहा है.
हसन ने कहा, "मैंने तीनों क्रिकेटरों से दो घंटे तक मुलाकात की है. उनसे हर तरह से पूछताछ की है और मुझे लगता है कि वे तीनों मासूम और निर्दोष हैं." उन्होंने कहा कि आईसीसी ने उन्हें सस्पेंड करके गलत काम किया है. जब पुलिस की जांच हो रही है तो यह सबसे ज्यादा जरूरी है और इसमें आईसीसी या किसी और जांच एजेंसी का दखल नहीं होना चाहिए.
पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि इस पूरे कांड के पीछे भारत के सटोरियों का हाथ हो सकता है. हालांकि स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में जो शख्स मैच फिक्सिंग के लिए पैसे लेते दिख रहा है, वह पाकिस्तानी मूल का नागरिक है.
सिर्फ 18 साल के मोहम्मद आमेर को क्रिकेट का बेहतरीन गेंदबाज समझा जा रहा है, जबकि 27 साल के मोहम्मद आसिफ पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं. पाकिस्तानी टेस्ट टीम के कप्तान सलमान बट सिर्फ पांच मैचों की कप्तानी कर बुरी तरह घिर चुके हैं. क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय संस्था आईसीसी ने तीनों आरोपी खिलाड़ियों को फैसला होने तक सस्पेंड कर दिया है और वे कोई भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेल पाएंगे. आईसीसी की अध्यक्षता इस वक्त भारत के शरद पवार के पास है.
पाकिस्तान में मैच फिक्सिंग की जांच कर चुके पूर्व न्यायाधीश मलिक मोहम्मद कय्यूम ने भी आईसीसी पर सवाल उठाए हैं. दस साल पहले फिक्सिंग की जांच करने वाले जज कय्यूम आईसीसी के कदम को भेदभाव वाला बताते हैं. उन्होंने सबूतों को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा, "कानूनी नजरिए से यह अस्वीकार और गैरकानूनी है कि कुछ साबित होने से पहले ही उन्हें सस्पेंड कर दिया जाए."
इस बीच आईसीसी ने कहा है कि वह क्रिकेट में मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने को तैयार है. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी हारून लोर्गाट ने लंदन में एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि जो कुछ भी हुआ है, उससे मैं बेहद दुखी और परेशान हूं." उन्होंने कहा, "मैं इस बात को एक बार फिर साफ कर देना चाहता हूं कि इस तरह का भ्रष्टाचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और हम वह सब कुछ करेंगे, जिसके आधार पर इसे रोका जा सके."
ब्रिटिश अखबार के खुलासे के बाद पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान सलमान बट, तेज गेंदबाजों मोहम्मद आसिफ और आमेर के मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं और उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग की जांच की जा रही है. उन पर चुनिंदा मौकों पर फिक्सिंग के आरोप हैं, जिसे स्पॉट फिक्सिंग कहते हैं. द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार का दावा है कि पैसे लेकर आमेर और आसिफ ने नो बॉल डालीं.
लोर्गाट ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई साजिश नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि पाकिस्तान के खिलाफ साजिश हो रही है. बल्कि हम तो इस कोशिश में लगे हैं कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलता रहे, चाहे उसे दूसरी जमीन पर ही क्यों न खेलना पड़े." पिछले साल पाकिस्तान के लाहौर शहर में श्रीलंका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम पर कातिलाना हमले के बाद से वहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला जा रहा है.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया गई पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर भी कई इलजाम लगे और बाद में सात खिलाड़ियों को या तो बैन कर दिया गया या उन पर भारी जुर्माना लगाया गया. पर बाद में इनमें से छह का मामला रफा दफा हो गया. लोर्गाट के साथ मौजूद आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधी शाखा के प्रमुख रॉनी फ्लानागन ने कहा कि उस दौरे में भी कई बातें सामने आईं लेकिन वित्तीय लेन देन का मामला नहीं था.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़