पाकिस्तान में तालिबान कैदी रिहा
१ जनवरी २०१३पूर्व न्याय मंत्री नूरुद्दीन तुराबी और हेलमंद प्रांत के पूर्व गवर्नर भी रिहा किए गए लोगों में शामिल हैं. सोमवार को यह जानकारी देते हुए पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि कुल चार लोगों को रिहा किया गया है. इसके बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया, जिसमें रिहा किए गए तालिबानियों की संख्या आठ बताई गई. इनमें तुराबी और बारी भी शामिल हैं.
मंगलवार को एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "सोमवार को कुल आठ अफगान कैदियों को रिहा किया गया है." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोअज्जम अहमद खान ने बताया कि यह कदम, "अफगानिस्तान में समझौतों की कोशिशों में मदद" के लिए किए जा रहे उपायों में से एक है. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि रिहा होने वाले तालिबानी कैदियों में पूर्व मंत्री अल्बाह दाद ताबिन, काबुल के पूर्व गवर्नर मुल्लाह दाउद जान और पूर्व गवर्नर मीर अहमद गुल के नाम भी शामिल हैं.
अफगानिस्तान में शांति की कोशिशों में जुटी सरकार ने तालिबान से बातचीत की तरफ कदम बढ़ाए हैं. इसके लिए एक अफगान हाई पीस काउंसिल भी बनाया गया है. यह काउंसिल सरकार को तालिबानी कैदियों को पाकिस्तान सरकार से रिहा कराने की कोशिश कर रहा है ताकि सद्भाव बढ़ा कर तालिबान को बातचीत की मेज पर लाया जा सके. खान ने बताया कि पिछले महीने भी पाकिस्तान ने 18 तालिबानी कैदियों को रिहा किया था. पाकिस्तान सरकार ने 11 साल से चली आ रही जंग को खत्म करने की दिशा में शांति के लिए अफगान सरकार की कोशिशों में मदद करने का वादा किया है.
अफगान अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में कैद पूर्व तालिबानी नेता उग्रवादियों को बातचीत की मेज पर लाने में मददगार हो सकते हैं और इस तरह से जंग को रोकने में मदद मिल सकती है. अमेरिकी नेतृत्व वाली नाटो की युद्धक सेना अफगानिस्तान से 2014 में वापस लौट जाएगी और उसके बाद देश में शांति और सुरक्षा का मसला बेहद अहम होगा. पाकिस्तान ने 1996-2001 के बीच अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज रहे तालिबान को समर्थन दिया था. नाटो सैनिकों की वापसी के बाद शांति प्रयासों में पाकिस्तान की भूमिका को अहम माना जा रहा है. तालिबान देश में 2001 से ही लड़ रहा है और उसने हामिद करजई की सरकार को अमेरिका की कठपुतली बताते हुए सीधे बातचीत से इनकार कर दिया है. अमेरिका के साथ उनकी बातचीत भी मार्च में रुक गई जब आतंकवादी अमेरिकी बेस ग्वांतानामो बे में बंद अपने पांच साथियों को छुड़ाने में नाकाम रहे.
तालिबान के कुछ अधिकारियों ने फ्रांस में किसी अज्ञात जगह पर मध्यस्थों के साथ बातचीत की है और इसमें उन्होंने अफगानिस्तान के संविधान और कानून पर उंगली उठाई. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें देश के लिए नया संविधान चाहिए.
एनआर/एमजे (एएफपी)