पाकिस्तान में ही है लादेनः माइक मुलैन
२५ जुलाई २०१०शनिवार को इस्लामाबाद में पत्रकारों के साथ बातचीत में मुलैन ने कहा कि ओसामा बिन लादेन और अल कायदा में नंबर दो की हैसियत रखने वाला अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान में ही हैं. इसीलिए अमेरिका की अफगानिस्तान पाकिस्तान नीति का एक बड़ा मकसद आंतकवादियों की इस सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करना है.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी यही कहा कि लादेन और अल कायदा के दूसरे नेता पाकिस्तान में ही हैं. हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को महज अटकलबाजी बताकर खारिज किया.
मुलैन 19वीं बार पाकिस्तान के दौरे पर गए हैं. पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि अल कायदा के नेता बहुत सुरक्षित जगह पर छिपे हैं और उन्हें तलाशना मुश्किल है. उन्होंने पाकिस्तान के कबाइली इलाकों को अल कायदा के आतंकी नेटवर्क का ग्लोबल हेडक्वॉर्टर बताया.
चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई में मुलैन ने पाकिस्तान की कोशिशों की सराहना की, लेकिन यह भी कहा कि तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाए जाने अब भी बाकी हैं.
पाकिस्तान से काम करने वाला यह गुट अफगानिस्तान में शांति के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है. मुलैन ने कहा कि पाकिस्तान अधिकारी हक्कानी नेटवर्क की वजह से होने वाले खतरे को बखूबी जानते हैं और वह कई बार इस खतरने से निपटने के लिए पाकिस्तान को कह चुके हैं.
अमेरिकी सेना प्रमुख ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नजदीकी सहयोगी हैं और अमेरिका इस लड़ाई में पाकिस्तान की मदद बराबर करता रहेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल बेहतर हुए हैं लेकिन इस बारे में अभी और भी किए जाने की जरूरत है. उन्होंने आतंकवादियों को पकड़ने में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की भूमिका की तारीफ की.
मुलैन ने इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख परवजे अशफाक कयानी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तानी सरकार पर किसी तरह का दबाव डाला. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और यह उसका आंतरिक मामला है."
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में गोपनीय तौर पर अमेरिकी सैनिकों को तैनात नहीं किया गया है. देश में मौजूद सभी अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान के आग्रह पर ट्रेनिंग देने के लिए आए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़