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पाकिस्तान सरकार के आतंकवादियों से संबंधः अमेरिका

१८ सितम्बर २०११

पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत ने बेबाकी से कह दिया है कि पाक सरकार के तालिबान से जुड़े आतंकवादियों के हक्कानी गुट से संबंध हैं. उन्होंने यह बात इस्लामाबाद में ही कही. काबुल हमले के बाद मतभेद और गहराए.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिकी राजदूत का यह बयान पाकिस्तान के सरकारी रेडियो पर प्रसारित हुआ है. राजदूत कैमरून मंटर ने कहा है, "मुझे कहने दीजिए कि काबुल में कुछ दिन पहले हुआ हमला हक्कानी नेटवर्क ने किया था. इस बात के सबूत हैं जो हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तानी सरकार से जोड़ते हैं. यह जरूर रोका जाना चाहिए."  अमेरिका के रक्षा मंत्री लियोन पनेटा काबुल पर हुए इन हमलों के लिए पहले ही हक्कानी नेटवर्क को दोषी ठहरा चुके हैं. काबुल में अमेरिकी दूतावास और नाटो के मुख्यालय पर हुए रॉकेट से हुए इस हमले में 27 लोग मारे गए. इसके जवाब में अमेरिकी सेना पाकिस्तान में अड्डा जमाए आतंकवादियों पर कार्रवाई कर सकती है.

अमेरिका लंबे समय से हक्कानी गुट और दूसरे संदिग्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान से अनुरोध करता रहा है. लेकिन अब अमेरिका सीधे तौर पर बेबाकी से यह आशंका जताने लगा है कि इन संगठनों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद मिल रही है.

Syed Yousaf Raza Gilani
तस्वीर: DW

ये सब तो पिछले कई महीनों से हो रहा है लेकिन सार्वजनिक रूप से किसी अमेरिकी अधिकारी की तरफ से इस तरह का बयान पहली बार सामने आया है. जाहिर है कि ये बयान दोनों देशों कि रिश्तों में बढ़ चुके तनाव का बहुत तगड़ा संकेत है जिसे पिछले महीनों में हुई कई घटनाओं से मजबूती मिली है. पाकिस्तान सरकार से आतंकवादियों के रिश्ते होने के बारे में सबूत मांगे जाने पर मुंटर ने बस इतना कहा, "हमें यकीन है कि मामला ऐसा ही है." मंटर ने माना कि पिछला साल बहुत कठिन रहा है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के लिए अनुरोध किया औऱ कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान, "बुनियादी रूप से एक ही तरफ हैं."

असली दुश्मन कौन

पाकिस्तान सरकार की तरफ से राजदूत के इन आरोपों पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इससे पहले सरकार ने आतंकवादियों से रिश्ते होने की बात से साफ इनकार किया है. अमेरिकी राजदूत ने पाकिस्तानी सरकार पर आरोप लगाने की रौ में यहीं तक कह गए कि असली दुश्मन कौन है यह भी नहीं पता. मंटर ने कहा, "मुश्किल यह है कि साथ काम करने के लिए ईमानदारी से कोशिश करनी होगी और यह पहचानना होगा कि दुश्मन कौन है." नाटो के सैनिकों ने इस हमले के बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है इनमें से एक तालिबान और दूसरा हक्कानी नेटवर्क से जुड़ा है. ये दोनों गाड़ियों के जरिए भी बम धमाके की योजना बना रहे थे. तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस हमले से पहले वारदाक में नाटो के सैन्य अड्डे पर हक्कानी गुट ने ट्रक बम से धमाका किया था. इस हमले में 77 अमेरिकी सैनिक घायल हो गए.

हक्कानी नेटवर्क

eingestellt am 18.7.2011, kursiert im Internet, u.a. auf: http://www.lifeleak.com/ Zur Meldung: Islamabad (dapd). Die Taliban haben ein Video veröffentlicht, in dem die Hinrichtung von 16 pakistanischen Polizisten zu sehen ist. Ein Sprecher der pakistanischen Streitkräfte sagte am Montag, die Beamten seien im Juni bei einem Überfall im Distrikt Upper Dir im Nordwesten des Landes an der Grenze zu Afghanistan gefangen genommen worden. Das im Internet veröffentlichte Video zeigt, wie die Polizisten gefesselt und aufgereiht von vermummten Taliban-Kämpfern erschossen werden. Die Taliban begründen die Hinrichtungen in dem Video mit der Behauptung, die Männer hätten Kinder getötet.

माना जाता है कि हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में हुए कुछ बेहद घातक हमलों के पीछे रहा है जहां नाटो 10 साल की जंग के बाद अब धीरे धीरे वहां से लौटने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. आतंकवादी बड़ी आसानी से अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा के आर पार जाते रहते हैं. हक्कानी गुट के आतंकी पाकिस्तानी और अफगान तालिबान के साथ ही अल कायदा से भी करीबी रिश्ते हैं. हक्कानी गुट केवल अफगानिस्तान में ही हमले करता है. आतंकवादियों के इस गुट का गठन जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी और अब उसका बेटा सिराजुद्दीन इस नेटवर्क को चला रहा है. इन दोनों को अमेरिका ने 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित कर रखा है. सिराजुद्दीन का दावा है कि उसके साथ 4,000 लड़ाकों की फौज है. 2009 में अफगानिस्तान में हुए आत्मघाती बम हमले का आरोप इसी संगठन पर है जिसमें सीआईए के सात अधिकारियों की मौत हुई थी.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की दोहरी चाल

अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी दोहरा खेल खेल रही है. उनका मानना है कि आईएसआई के अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के साथ संबंध हैं जिनके जरिए वह अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहती है साथ ही अपने परंपरागत प्रतिद्वंदी भारत में गड़बड़ियां फैलाने का भी मकसद है. काबुल में हुए हमले के बाद बुधवार को अमेरकी रक्षा मंत्री ने कहा, "बार बार हमने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल हमलों को रोकने और हक्कानी गुट पर करे लेकिन अब तक इस दिशा में बहुत मामूली प्रगति ही हुई है. मैं इस बारे में बात नहीं करना जा रहा हूं कि हम इसका जवाब कैसे देंगे. मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम इस तरह के हमलों को होते रहने नहीं देंगे."

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे 'दिशा से अलग' माना. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद और आक्रामकता एक जटिल मुद्दा है. पाकिस्तान और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी स्पेन में नाटो काफ्रेंस के दौरान अलग से मिले और रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई. अमेरिकी सेना प्रमुख माइक मलेन और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जनरल अशफाक कियानी दोनों के बीच दो घंटे से ज्यादा देर तक बातचीत हुई. मलेन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "दोनों इस बात पर रजामंद हुए हैं कि दोनों देशों के रिश्ते इस क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी हैं और पिछले महीनों में इसे बेहतर बनाने के लिए दोनों पक्षों ने कई कदम उठाए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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