पाकिस्तान सेना व सरकार पर और बड़े हमले होंगेः तालिबान
३ जून २०११तहरीक-ए-तालिबान के नेता मौलाना फकीर मोहम्मद ने कहा है कि पहले अफगानिस्तान में जारी लड़ाई पर ध्यान केंद्रित रखने वाले उसके गुट ने अपनी रणनीति बदल दी है. अब वह पाकिस्तानी सेना के प्रतिष्ठानों पर बड़े पैमाने पर हमला करेगा. हाल ही में कराची में पाकिस्तानी नौसेना के अहम ठिकाने पर हमला किया गया जिसकी जिम्मेदारी तालिबान ने ली. गुरुवार को पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में भी एक सुरक्षा चौकी को निशाना बनाया गया जिसमें 30 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
मोहम्मद ने पाकिस्तान के द न्यूज अखबार को बताया कि खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत और पाकिस्तान के दूसरे हिस्सों में हमले जारी रहेंगे लेकिन सरकार और सेना के अहम प्रतिष्ठानों पर हमलों को प्राथमिकता दी जाएगी. उसने बताया, "सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की हमारी नई रणनीति का मकसद सेना का मनोबल तोड़ना है और सरकार को लाचार बनाना है. हम आम लोगों की मौत को भी कम करना चाहते हैं. हमारा मुख्य मकसद सरकार को अमेरिका से साथ गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर करना है."
22 मई को कराची के पीएनएस मेहरान नौसैनिक अड्डे पर हुए हमले में 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए और अमेरिका से मिले दो अहम निगरानी विमानों को नष्ट कर दिया गया. जब मोहम्मद से पूछा गया कि क्यों पाकिस्तानी तालिबान अपने हमलों में मुसलमानों को निशाना बना रहा है तो उसने कहा कि पहले पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने उन पर हमला किया और तालिबान लड़ाकों ने जवाबी कार्रवाई की है. उसने कहा, "जब हम पर हमला किया गया तो हमने पाकिस्तान में हमले करने शुरू किए. इससे पहले हमारा ध्यान अफगानिस्तान में जारी युद्ध पर था."
तालिबान नेता ने चेतावनी दी कि ज्यादा से ज्यादा पाकिस्तानी उग्रवादियों के निशाने पर अब पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा प्रतिष्ठान होंगे. उसके मुताबिक, "अगर उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य अभियान शुरू किया जाता है तो वे उग्रवादी भी पाकिस्तान के खिलाफ बंदूक उठा लेंगे तो अभी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना नहीं बना रहे हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा