पाक का साथ देने वाले बयान से मुकरे करजई
२५ अक्टूबर २०११काबुल में राष्ट्रपति महल की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान के प्राइवेट टीवी चैनल जियो के साथ इंटरव्यू में दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. इस इंटरव्यू में करजई ने कहा कि अगर अमेरिका या भारत में से किसी ने कभी पाकिस्तान पर हमला किया तो वे पाकिस्तान का साथ देंगे. शनिवार को प्रसारित इस इंटरव्यू के मुताबिक, "खुदा न करे, अगर कभी पाकिस्तान और अमेरिका के बीच लड़ाई होती है तो अफगानिस्तान पाकिस्तान का साथ देगा."
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण चल रहे हैं जिसकी एक बड़ी वजह पाकिस्तानी शहर एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य अभियान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत है. पाकिस्तान इसे अपनी संप्रभुता का हनन बताता है और चेतावनी दी है कि अमेरिका को फिर ऐसी कोई एकतरफा कार्रवाई करने से पहले '10 बार' सोचना होगा. खराब रिश्तों के बावजूद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कोई सशस्त्र संघर्ष बहुत दूर की बात है.
चौकन्ना पश्चिमी जगत
लेकिन करजई के बयान ने काबुल में मौजूद पश्चिमी अधिकारियों के कान खड़े किए जो पिछले दस साल से तालिबान को सत्ता में आने से रोकने के लिए जूझ रहे हैं. काबुल में नाटो के प्रवक्ता क्रिस्टोफर चैंबर्स ने कहा, "हम सब को कहीं ज्यादा व्यापक संवाद पर ध्यान देना होगा जो शांति के लिए जरूरी है..जो दोनों देशों के लोग भी चाहते हैं और वे इसके हकदार भी हैं."
वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने सीधे तौर पर करजई के बयान पर टिप्पणी नहीं की. विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के हवाले से उन्होंने कहा, "यह कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि ऐसा कभी नहीं होगा."
बयान पर सफाई
करजई के दफ्तर का कहना है कि उनके बयान को संदर्भ से बाहर रख कर प्रसारित किया गया है. राष्ट्रपति उप प्रवक्ता सेयामाक हेरावी का कहना है, "पाकिस्तानी मीडिया ने इसे गलत तरीके से पेश किया है. उन्होंने बयान के सिर्फ इस हिस्से को दिखाया है जिसमें राष्ट्रपति ने कहा है कि अफगानिस्तान युद्ध की सूरत में पाकिस्तान का साथ देगा." बयान के मुताबिक बयान का असल मकसद यह था कि अगर संघर्ष होता है तो अफगानिस्तान पाकिस्तानी शरणार्थियों को रखने के लिए तैयार है, ठीक उसी तरह जैसे पाकिस्तान के अपने पश्चिमोत्तर इलाके में लाखों अफगानों को जगह दी. आगे हेरावी ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ अभियान के संदर्भ में अगर पाकिस्तान पर युद्ध थोपा जाता है तो अफगानिस्तान उसका समर्थन नहीं करेगा."
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे हैं. हाल में करजई ने पाकिस्तान पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया. जियो टीवी पर प्रसारित इंटरव्यू में करजई ने क्षेत्र में बढ़ते अमेरिकी प्रभाव को लेकर पाकिस्तान की चिंताओं को दूर करने की कोशिश भी की. अमेरिका समेत पश्चिम देशों की सेनाएं 2014 के अंत तक अफगानिस्तान को छोड़ देंगी.
रिपोर्टः एएफपी/ए कुमार
संपादनः आभा एम