पाक क्रिकेटर तेंदुलकर से सबक लें: अकरम
१५ मार्च २०११वर्ल्ड कप में पाकिस्तान टीम अब तक पांच मैच खेल चुकी है लेकिन सलामी जोड़ी टीम को अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रही है. वसीम अकरम का मानना है कि अब दोनों खिलाड़ियों को बल्लेबाजी की रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए.
"उन्हें तेंदुलकर से सीख लेनी चाहिए. वह 38 से ज्यादा साल के हो चुके हैं लेकिन अब भी वह शानदार खेलते हैं. वह पहले 10 ओवरों में सामान्य ढंग से क्रिकेट खेलते हैं और अपना विकेट यूं ही नहीं फेंकते."
वसीम अकरम के मुताबिक तेंदुलकर कई अन्य खिलाड़ियों के लिए एक रोल मॉडल हैं. "पाकिस्तान क्रिकेटरों को यह सीखना चाहिए कि अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ाया जाए और नाजुक मौकों पर कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए. शहजाद बेहद प्रतिभाशाली हैं लेकिन जैसे ही गेंद थोड़ा स्विंग लेने लगती है, वह गेंद की लाइन से हटते हैं और गलतियां करते हुए अपना विकेट तोहफे में दे देते हैं. मोहम्मद हफीज भी यही गलती कर रहे हैं."
वसीम अकरम का कहना है कि तेंदुलकर अब तक इतना अच्छा खेलने में कामयाब इसीलिए हैं क्योंकि वह बुनियादी नियमों का अच्छी तरह पालन करते हैं और कोई असाधारण काम करने की कोशिश नहीं करते. पाकिस्तान के जियो सुपर टीवी चैनल को अकरम ने कहा कि तेंदुलकर जिस तरह से रनों के लिए भूखे हैं वह हैरान कर देने वाला है.
पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ जैसा प्रदर्शन किया उससे अकरम खुश नहीं हैं. "मैं चाहता हूं कि यह टीम वर्ल्ड कप जीते और वह ऐसा कर भी सकती है. हर पाकिस्तानी इस टीम को जीतते हुए देखना चाहता है लेकिन जिस तरह से टीम खेल रही है वह हताश कर देने वाला है. जिस टीम ने भी जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच खेला, उसे बुरी तरह हराया लेकिन हमारी टीम जिम्बाब्वे से मैच के दौरान नर्वस और डरी हुई थी. आप वर्ल्ड कप को रक्षात्मक तरीके से खेल कर नहीं जीत सकते."
वसीम अकरम के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार से उन्हें हैरानी नहीं हुई. वह मानते हैं कि भारतीय टीम सिर्फ कागजों पर ही मजबूत है लेकिन असल में उसके पास विकेट लेने वाले गेंदबाजों का अभाव है और वह बल्लेबाजों पर ज्यादा निर्भर है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा