पुणे की जर्मन बेकरी में विस्फोटः नौ मरे
१३ फ़रवरी २०१०भारत में 2008 के मुंबई के आतंकवादी हमलों के बाद यह पहला बड़ा विस्फोट है. धमाका शनिवार शाम क़रीब साढ़े सात बजे हुआ. पुलिस के मुताबिक बेकरी में एक लावारिस बैग पड़ा हुआ था और जब वेटर ने उसमें झांकने की कोशिश की तो धमाका हो गया. धमाका इतना शक्तिशाली था की बेकरी की दीवार का बड़ा हिस्सा ढह गया.
विस्फोट की जगह से ही एक अनजान बैग भी बरामद किया गया है. पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल की बारीक़ी से छानबीन कर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक धमाका बम से ही हुआ. इसके लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया.
विस्फोट जर्मन बेकरी में हुआ, जहां कई विदेशी आते रहते हैं. इस जगह पर कई ऐसे भी घर हैं, जहां ओशो यानी रजनीश को मानने वाले लोग रहते हैं. आतंकवाद विरोधी दस्ते और बम नाकाम करने की टीम मौक़े पर पहुंच गई है. घायलों को शहर के ससून अस्पताल में दाख़िल किया जा रहा है. हमले में कम से कम 45 लोग घायल हो गए हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि धमाका कैसे हुआ है. उन्होंने कहा कि वह पुणे के पुलिस कमिश्नर के संपर्क में हैं, जिन्होंने उन्हें बताया कि मौक़े का मुआयना करने के बाद वह अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं.
पुणे में विस्फोट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों को सतर्क किया है और उनसे अपील की है कि वे अनजान चीज़ों को हाथ न लगाएं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः राम यादव