पुरस्कार के लिए सचिन की कर्स्टन को दाद
७ अक्टूबर २०१०इस पर टिप्पणी करते हुए सचिन का कहना था कि कभी नहीं से देर भली. अपनी खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के लिए वे काफी मेहनत करते रहे हैं.
अपनी व टीम की हाल की सफलताओं के लिए उन्होंने खासकर टीम के वर्तमान कोच गैरी कर्स्टन को दाद दी. उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान वे बल्लेबाजों को कहीं अधिक गेंद खेलने को कहते हैं. नेट प्रैक्टिस के दौरान वे खुद हजारों गेंद फेंकते हैं.
तेंदुलकर कहते हैं, सपोर्ट स्टाफ के साथ गैरी भारतीय दल के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं. मैं उनकी कोचिंग में खेलना पसंद करता हूं. वे सचमुच काफी मेहनत कर रहे हैं.
इन 21 सालों के दौरान एक सफलता तेंदुलकर को नहीं मिल पाई है. वे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य नहीं रहे हैं. अगले साल भारत, श्रीलंका और बांगलादेश में वर्ल्ड कप होने वाला है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब होगा. सचिन ने कहा, "यह एक बड़ा टूर्नामेंट है. इसे जीतना सिर्फ मेरा नहीं, सारे देश का सपना है. हम इसके लिए काफी मेहनत कर रहे हैं. अभी पांच महीने बाकी हैं और हम उससे पहले होने वाले प्रतियोगिताओं पर ध्यान दे रहे हैं. मैं वर्ल्ड कप तक अपना फार्म बनाए रखना चाहता हूं."
सचिन को पद्मभूषण सम्मान भी मिल चुका है. लेकिन इन दोनों पुरस्कारों के बीच तुलना करने से उन्होंने इंकार कर दिया. उन्होंने इतना जरूर कहा कि पद्मभूषण पुरस्कार उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन