पूरे 50 ओवर खेलना चाहते हैं सहवाग
११ फ़रवरी २०११बंगलौर में मीडिया के सामने विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा, "मैं समझता हूं कि मैंने वनडे में कभी पूरे 50 ओवर नहीं खेले हैं. ज्यादा से ज्यादा मैंने 43 या 44 ओवर तक खेले हैं. लेकिन इस बार मैं 50 ओवर खेलने की कोशिश करूंगा और टीम को अच्छी शुरुआत देने का इरादा है. मैं इस काम को 10 साल से नहीं कर पाया हूं. अभी तक नाकाम रहा हूं. इसकी कोशिश अभी भी जारी है."
भारतीय उप महाद्वीप में वर्ल्ड कप खेले जाने की वजह से टीम इंडिया से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं. लेकिन वीरू का कहना है कि उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है क्योंकि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन ने उनसे नैचुरल गेम खेलने को कहा है.
सहवाग ने कहा, "कोई मुझे यह नहीं कह रहा है कि मुझे क्या करना है. यह अच्छी बात है. कोच और कप्तान मुझे उसी तरीके से बैटिंग करने के लिए कह रहे हैं, जैसा मैं करता आया हूं. उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं अपना स्वाभाविक खेल खेलूं. अगर मैं रन बनाता हूं तो वे खुश होंगे. अगर मैं रन नहीं बनाता हूं तो भी वे खुश होंगे. मेरा काम वहां जाना है. अच्छी शुरुआत देनी है. अगर मैं 10 गेंद में 20 रन बनाता हूं या 70-80 गेंद में 100 रन बनाता हूं तो मैं खुश होऊंगा."
सहवाग पहली गेंद से ही विपक्ष को सन्नाटे में डाल देने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उनका कहना है कि अब उन्होंने अपने खेल में थोड़ा बदलाव किया है. 32 साल के वीरू ने कहा, "पिछले तीन साल में मेरा नजरिया बदला है. अब मैं नई गेंद को सम्मान देता हूं. तेज खेल शुरू करने से पहले चार पांच ओवर जमने की कोशिश करता हूं."
उनका कहना है कि टीम में मध्यक्रम में धोनी, युवराज, सुरेश रैना, विराट कोहली और यूसुफ पठान जैसे बल्लेबाज हैं और उन्हें पता है कि अगर वह नहीं भी चले तो दूसरे बल्लेबाज संभाल लेंगे.
सहवाग टेस्ट मैचों में भारत के लिए अद्भुत खिलाड़ी साबित हुए हैं लेकिन वनडे मैचों में उनका रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं है. वीरू आंकड़े नहीं देखना चाहते. वह खेलना चाहते हैं.
भारत और बांग्लादेश के बीच 19 फरवरी को वर्ल्ड कप का पहला मैच खेला जाना है और सहवाग का कहना है कि टीम इंडिया 2007 में मिली हार का बदला लेने के लिए ग्राउंड में उतरेगी.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार