1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पूर्वोत्तर भारत में कितने बाघ हैं

२५ फ़रवरी २०१२

भारत में विश्वप्रसिद्ध काजीरंगा नैशनल पार्क के चार रेंजों में बाघों की गिनती चल रही है. गिनती को डेढ़ महीने के अंदर पूरा किए जाने की योजना है. शिकारियों का निशाना बनते बाघों को बचाने के लिए उनकी गिनती जरूरी है.

https://p.dw.com/p/14AB7
तस्वीर: picture alliance/dpa

भारत के नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी, एनटीसीए ने नैशनल पार्क में बाघों की गिनती के लिए 20 लाख रुपए का बजट बनाया है. नैशनल पार्क के निदेशक सुरजीत दत्ता ने कहा है कि गिनती का काम कोहोरा, बागोरी, अगोराटोली और बूढ़ा पहाड़ रेंज में हो रहा है.

बाघों की गिनती के लिए कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए जंगल के विभिन्न इलाकों में 100 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. सुरजीत दत्ता ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर और कैमरे भी लगाए जा सकते हैं.

Bangladesch Tiger
तस्वीर: AP

वन विभाग का एक वन्यजीवन शोध अधिकारी जंगल के सभी रेंजों में बाघों की गिनती का निरीक्षण करेगा जबकि गिनती को 45 दिनों के अंदर पूरा करने के लिए दो जैव विविधता संरक्षण संगठनों और वन्य जीवन पर शोध करने वाले एक दल की मदद ली जाएगी.

दो साल पहले 2010 में कराए गए राष्ट्रीय गणना के अनुसार भारत के पूर्वोत्तर में, जिसमें पहाड़ी राज्य, ब्रह्मपुत्र की तराई और पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा शामिल है, 148 बाघ रहते हैं. अनुमान में अधिकतम 178 और न्यूनतम 118 बाघों की बात कही जाती है.

इनमें से 143 बाघ असम में रहते हैं जबकि मिजोरम में 5 बाघ हैं. अरुणाचल प्रदेश को बाघों की गिनती की परियोजना में शामिल नहीं किया गया है.

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें