पूसी रायट सदस्य रिहा
२३ दिसम्बर २०१३उनकी सजा अगले साल मार्च में पूरी होनी थी. रूस का कहना है कि उन्हें क्षमादान दिया गया है लेकिन रिहाई के बाद मीडिया के साथ अपने पहले ही इंटरव्यू में आल्योखीना ने कहा कि यह पब्लिसिटी स्टंट है. उनकी रिहाई से तीन दिन पहले ही रूस में क्रेमलिन के आलोचक मिखाइल खोदोरकोव्स्की को भी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्षमादान दिया था और दस साल की कैद के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
माना जा रहा है कि 2014 के सोची शीतकालीन ओलंपिक से पहले पुतिन अंतरराष्ट्रीय पटल पर रूस की छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीतिक विरोध में शो करने वाले पूसी रायट के सदस्यों को सजा दिए जाने पर दुनिया भर में रूस की निंदा हुई थी.
आल्योखीना की रिहाई के बाद उम्मीद की जा रही थी कि इसी हफ्ते बैंड की अन्य सदस्य तोलोकोनिकोवा की भी रिहाई हो जाएगी. तोलोकोनिकोवा के पति ने ट्विटर पर उनकी रिहाई की खबर दी. वह साइबेरिया की एक जेल के अस्पताल में थीं.
फरवरी 2012 में पूसी रायट की सदस्य नाद्येझदा तोलोकोनिकोवा, मारिया आल्योखीना और येकातरिना सामुत्सेविच ने मॉस्को के एक चर्च में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ एक शो किया था. उसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और गुंडा गर्दी का मुकदमा चला. दोषी पाए जाने पर उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सामुत्सेविच को बाद में आए एक फैसले के तहत कुछ महीने बाद छोड़ दिया गया.
आल्योखीना ने कहा कि अगर उनके बस में होता तो वह इस रिहाई से इनकार कर देतीं. आल्योखीना रिहा होने के बाद सबसे पहले निझनी नोवगोरोद शहर के मानव अधिकार कार्यकर्ताओं से मिलने गईं.
2012 में गिरफ्तारी के साथ ही दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों ने बैंड सदस्यों को रिहा करने की मांग की थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि ये लड़कियां राजनीतिक कैदी जैसी हैं. कुछ दूसरे सगंठनों के सदस्यों ने माना कि रूस देश में राजनीतिक विरोध को दबाना चाहता है.
रूस की अदालत ने पिछले हफ्ते एमनेस्टी बिल पास किया जिसके तहत सजा काट रहे कई लोगों को क्षमादान दिया गया. इनमें आल्योखीना और तोलोकोनिकोवा के नाम इसलिए भी शामिल किए गए क्योंकि उनके छोटे छोटे बच्चे हैं. रूसी सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में पूसी रायट मामले की फिर से जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत ने उनके अपराध की पूरी तरह पुष्टि नहीं की थी और उनकी पारिवारिक परिस्थितियों पर भी फैसला लेते समय ध्यान नहीं दिया गया था.
एसएफ/एमजे (एपी, एएफपी)