पोप पर हमला करने वाला रिहा
१८ जनवरी २०१०इस हमले के लिए पहले अगचा 19 साल तक इटली की जेल में रहा लेकिन पोप की पहल पर 2000 में उसे माफ़ी दे गई. बाद में तुर्की को प्रत्यर्पित किए जाने पर उसे दूसरे अपराधों के सिलसिले में जेल की सज़ा हुई. इसमें 1979 में एक अख़बार के संपादक की हत्या का मामला भी शामिल है.
अंकारा में जेल से रिहा होने के बाद अगचा ने अपने वकील के माध्यम से हाथ से लिखा अपना एक बयान जारी किया है जिसमें उसने ख़ुद को फिर एक बार मसीहा बताया है. उसने लिखा, "मैं इस दुनिया के अंत की घोषणा करता हूं. पूरी दुनिया इस सदी में बर्बाद हो जाएगी. इस शताब्दी में हर कोई मर जाएगा." बयान के अंत में उसने शाश्वत क्राइस्ट मेहमत अली अगचा के नाम से हस्ताक्षर किए हैं.
यह अभी रहस्य ही बना हुआ है कि क्यों अगचा ने 1981 में वेटिकन में पोप पर गोली चलाकर उन्हें घायल किया. कुछ लोगों का कहना है कि वह सोवियत दौर की उन पूर्वी यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम कर रहा था जो पोलिश पोप के कम्युनिस्ट विरोधी रवैये से परेशान थीं. पोप जॉन पॉल की 2005 में मृत्यु हुई.
पिछले हफ़्ते जारी एक बयान में अगचा ने कहा कि वह हमले से जुड़े सवालों का जवाब अगले कुछ हफ़्तों में देगा. वह यह भी बताएगा कि क्या इस हमले में सोवियत और बुल्गारिया की सरकारें भी शामिल थीं.
सोमवार को अगचा ने चार गाड़ियों वाले काफ़िले के साथ जेल परिसर को छोड़ा. इनमें से एक गाड़ी में सवार होते हुए उसने पत्रकारों की तरफ़ हाथ भी हिलाया. जेल के बाहर उसके लगभग 25 समर्थक भी जमा थे. अगचा को जेल से सीधे मेडिकल चेकअप के लिए सेना के अस्पताल से जाया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा मोंढे