पोलियो उन्मूलन अभियान में 130 करोड़
१६ सितम्बर २००९आर्थिक सहयोग एवं विकास के जर्मन संघीय मंत्रालय (बीएमज़ेड)में उप महानिदेशक फ्रीडरिश किटशेल्ट ने इस आशय की घोषणा की. संवाददाता सम्मेलन का आयोजन "विकास की गुणवत्ता" विषय पर पिछले दो दिन से चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की समाप्ति पर किया गया था. इस सम्मेलन को आर्थिक सहयोग एवं विकास के जर्मन संघीय मंत्रालय और भारत के योजना आयोग ने मिलकर आयोजित किया था और एशियाई समाजों में समावेशी एवं सतत विकास का मुद्दा इसमें हुए विचार-विमर्श के केंद्र में था. सम्मेलन में बीस यूरोपीय एवं एशियाई देशों के सांसदों, उद्योग एवं नागरिक समाज के नेताओं एवं नीति-निर्माताओं समेत 270 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
विकास देश के हिसाब से
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किटशेल्ट ने कहा कि दो दिन चले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जर्मनी के प्रतिनिधियों ने समावेशी एवं पर्यावरण की दृष्टि से संतुलित विकास के जर्मन मॉडल का परिचय दिया. किटशेल्ट ने कहा कि समावेशी विकास का हर देश का अपना अलग रास्ता है और एक देश के मॉडल को ज्यों का त्यों दूसरे देश में लागू नहीं किया जा सकता. भारत के सन्दर्भ में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भारत में जर्मनी के कार्यवाहक राजदूत क्रिश्चियन-मैथियास श्लागा ने कहा कि यहाँ की सरकार की नीतियों में समावेशी विकास का विचार अंतर्भुक्त है. इस अवसर पर श्रीराम केंद्र के प्रोफेसर जे एस सोधी ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्द्येश्य समावेशी विकास के एजेंडे को एक बार फिर से ऊंचाई पर प्रतिष्ठित करना था. किटशेल्ट ने यह घोषणा भी की कि भारत और जर्मनी के बीच आपसी विकास सहयोग के संबंध में विस्तृत वार्ता अगले माह के अंत में नई दिल्ली में होगी.
वित्तीय सहायता पर भी समझौता
भारत और जर्मनी के बीच आज एक करोड़ चौरानवे लाख यूरो की वित्तीय सहायता के बारे में एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गए. आज शाम नई दिल्ली में जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास के संघीय मंत्रालय में उप महानिदेशक फ्रीडरिश किटशेल्ट एवं भारत के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव कुमार संजय की उपस्थिति में भारत के राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और जर्मनी के विकास बैंक (केएफ़डबल्यू) के प्रतिनिधियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. इसके तहत डेढ़ करोड़ यूरो का ऋण और चौवालिस लाख यूरो का अनुदान दिया जाएगा और इस सहयायता को प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के कार्यक्रम पर खर्च किया जाएगा.
रिपोर्टः नई दिल्ली से कुलदीप कुमार
संपादन आभा मोंढे