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फ़्रांस में बुर्क़े पर पाबंदी की सिफ़ारिश

२७ जनवरी २०१०

फ़्रांस की संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में बुर्क़े पर प्रतिबंध की सिफ़ारिश की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बुर्क़ा पहनने वाली महिलाएं फ़्रांसिसी मूल्यों को एक ऐसी चुनौती पेश कर रही हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

बुर्क़े पर पाबंदी लगाने या न लगाने के मुद्दे पर एक पैनल का गठन किया गया था. इस पैनल में 32 सांसद शामिल थे और क़रीब 6 महीने तक हर पक्ष की बात सुनी गई. अब संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूलों, अस्पतालों, सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालयों में बुर्क़े पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. मुस्लिम समुदाय की महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली इस पोशाक पर पाबंदी लगाने के मुद्दे पर फ़्रांस में बहस चल रही है.

Frauen warten auf Essen in Afghanistan
तस्वीर: AP

रिपोर्ट में सिफ़ारिश की गई है कि ''धार्मिक कट्टरता'' का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति को नागरिकता और रेज़ीडेंस कार्ड नहीं दिए जाने चाहिए. अनुमान है कि फ़्रांस में क़रीब 1,900 महिलाएं बुर्क़ा पहनती हैं. रिपोर्ट में बुर्क़े को फ़्रांसीसी गणराज्य के लिए एक अस्वीकार्य चुनौती बताते हुए उसकी निंदा की गई है. हालांकि सड़कों, शॉपिंग सेंटर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बुर्क़े पर पाबंदी का अभी कोई विचार नहीं है क्योंकि ऐसे किसी फ़ैसले की संवैधानिकता पर सवाल खड़े हो रहे थे.

पैनल के प्रमुख आंद्रे जेरिन का कहना है, "बुर्क़े का पहना जाना तो सिर्फ़ एक शुरुआत है. असली समस्याएं और कुप्रथाएं तो इसके बाद शुरू होती हैं. इसके ज़रिए फ़्रांस में धर्मांधता और कट्टरता फैलाने की कोशिश हो रही है. यह महिलाओं के दमन का प्रतीक है."

दक्षिणपंथी सांसदों ने पाबंदी का दायरा बढ़ाते हुए सार्वजनिक स्थानों पर भी बुर्क़े पर प्रतिबंध की मांग की थी जिससे तनाव बढ़ गया था लेकिन यह कोशिश विफल रही. पैनल ने संसद से ऐसा प्रस्ताव पारित करने की अनुशंसा की है जिसमें बुर्क़े को फ़्रांसिसी गणराज्य के मूल्यों के विपरीत बताते हुए घोषणा की जाए कि पूरा फ़्रांस बुर्क़े पर मनाही के पक्ष में है.

संसद में अगर ऐसा प्रस्ताव पारित हो जाता है तो फिर बुर्क़े पर पाबंदी के क़ानून का रास्ता साफ़ हो जाएगा. इसके बाद सरकारी संस्थानों, परिवहन में बुर्क़ा पहनना ग़ैरक़ानूनी हो जाएगा. पाबंदी के पीछे सुरक्षा कारणों का भी हवाला दिया गया है. सरकारी कार्यालयों में बुर्क़ा पहन कर आने वाली महिलाओं को वीज़ा, रेज़ीडेंस परमिट, फ़्रांसिसी नागरिकता जैसी सेवाएं नहीं उपलब्ध कराई जाएंगी.

विपक्षी सोशलिस्ट पार्टी इस पाबंदी के विरोध में सामने आई है. उसका कहना है कि ऐसी किसी पाबंदी को अमल में लाना कठिन होगा. पार्टी का कहना है कि सैद्घांतिक रूप से वह शरीर को पूरी तरह ढकने के ख़िलाफ़ है लेकिन प्रतिबंध से मुस्लिम महिलाओं पर एक तरह से कलंक लग जाएगा.

बुर्क़े पर पाबंदी का विरोध कर रहे पक्ष का कहना है कि इससे फ़्रांस की 50 लाख से ज़्यादा की आबादी अलग थलग पड़ने का ख़तरा है. हालांकि राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने भरोसा दिलाया है कि अपने धर्म का पालन करने का अधिकार फ़्रांसिसी संविधान में दिया गया है. एक सर्वे के मुताबिक़ फ़्रांस में 57 फ़ीसदी लोग बुर्क़े पर पाबंदी के पक्ष में हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भ