दुनिया का सबसे पुराना गुरिल्ला युद्ध खत्म
२५ अगस्त २०१६एक शांति समझौते के तहत कोलंबिया सरकार ने सशस्त्र विद्रोही गुट फार्क के साथ सहमति बना ली है. गुरिल्ला समूह के साथ हिंसा में अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब 45,000 लोग गुमशुदा हो चुके हैं. दोनों पक्षों के वार्ताकारों ने क्यूबा की राजधानी हवाना में यह घोषणा की. इसी के साथ लैटिन अमेरिका में जारी सबसे बड़े और सबसे पुराने गुरिल्ला समूह के साथ युद्ध खत्म होगा.
इन समझौतों में प्रारंभिक शर्तें हैं कि सरकार जमीन सुधार की दिशा में बड़े बदलाव करेगी, अपनी एंटी-नार्कोटिक्स रणनीति बदलेगी और देश के कई उपेक्षित इलाकों में राज्य का विस्तार करेगी. दूसरी ओर गुरिल्ला योद्धाओं को हथियार छोड़ने होंगे. समझौते का अंतिम मसौदा अभी सामने नहीं आया है.
पिछले कई सालों से फार्क सेना को कमजोर करने के सरकारी अभियानों के बाद नवंबर 2012 में इस हिंसक गुट के साथ सरकार ने वार्ता के प्रयास शुरु किए. लेकिन कई दशकों से दोनों पक्षों के बीच पसरे अविश्वास के कारण बातचीत जल्दी किसी नतीजे की ओर नहीं बढ़ सकी. सितंबर 2015 में कोलंबिया के राष्ट्रपति खुआन मानुएल सांतोज ने हवाना जाकर फार्क के खिलाफ की गई ज्यादतियों की जांच बैठा दी, गलत कामों में लगे गुरिल्लाओं को सजा दिए जाने लगी और इनकी हिंसा से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था की.
कोलंबिया का यह गृह युद्ध दुनिया के सबसे जानलेवा संघर्षों में गिना जाता है. 1964 में शुरू हुई इस लड़ाई के अंत की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति सांतोज ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आज मैं अपने देश को एक बहुत महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक समाचार दे रहा हूं." अब इस एकॉर्ड को वोटरों द्वारा मंजूरी मिलनी है, जो कि 2 अक्टूबर को होगा. देश की विपक्षी पार्टी इस मौके पर वोटरों को समझौता अस्वीकार करने के लिए प्रभावित कर सकती है क्योंकि वे इसे राष्ट्रपति सांतोज के समर्थन की परीक्षा के रूप में देख रहे हैं. 2010 से लेकर अब तक के शासनकाल में राष्ट्रपति सांतोज की अप्रूवल रेटिंग इस समय अपने न्यूनतम स्तर 21 फीसदी पर है.
देश के कई लोगों को डर है कि इस समझौते के प्रभाव में आने के बाद जो गुरिल्ला लड़ाके अपनी गलती कुबूल कर लेंगे, उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा या फिर अधिक से अधिक कुछ साल तक किसी प्रभावित इलाके में सामुदायिक सेवा का आदेश होगा.
करीब 7,000 की तादाद वाले फार्क लड़ाकू दस्ते में लगभग एक तिहाई महिलाएं हैं. खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, सरकारी बलों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देना और आम शहरियों के साथ घुल मिल कर उनसे ज्यादा से ज्यादा सूचनाएं निकालना इनके प्रमुख काम हैं. वामपंथी विचारों वाले फार्क ने अपनी पहली लड़ाई किसानों के हक के लिए लड़ी थी. मार्क्स और चे गुएरा से प्रभावित इन योद्धाओं पर अपनी लड़ाई का खर्च निकालने के लिए ड्रग्स कारोबार करने के आरोप हैं.