'फिर जागा मुंबई का डर'
१४ जुलाई २०११डॉन:
पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने सिरियल ब्लास्ट की खबर को प्रमुखता से छापा है. खबर का शीर्षक है, 'मुंबई में आतंक लौटा, 21 की मौत.' डॉन आगे लिखता है, "अधिकारियों ने अब तक किसी संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. मुंबई पुलिस भारत के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन पर शक जता रही है. इस संगठन पर पहले भी कई धमाके करने का आरोप है."
डेयर श्पीगल:
खोजी पत्रकारिता के लिए मशहूर जर्मनी की प्रतिष्ठित पत्रिका डेयर श्पीगल ने शीर्षक दिया है, "बम धमाकों ने मुंबई के सबसे बड़े डर को फिर से जगा दिया." पत्रिका के ऑनलाइन संस्करण में आगे लिखा है, "वह दिन जिसका मुंबई वासियों को हमेशा डर लगा रहता है कि उनके शहर में हमलें होंगे, बम धमाके होंगे और कई जगहों पर ऐसा होगा, वह दिन आ ही गया."
डेयर श्पीगल ने हमलों को भारत और पाकिस्तान के संबंधों से जोड़ते हुए लिखा है, "2008 के हमलों की जिम्मेदारी भारत ने पाकिस्तान के सिर डाली थी. उसी पर चर्चा के लिए कुछ ही दिनों में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की नई दिल्ली में बैठक होने वाली है. अब यह बैठक होगी भी या नहीं, यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा. यदि यह अफवाह सच निकली कि हमले इस्लामी आतंकवादियों ने किए और खासतौर से इनमें पाकिस्तानी चरमपंथियों का हाथ है, तो दोनों देशों के संबंधों में एक बार फिर खटास पैदा होगी. इसी को देखते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने घंटे भर के भीतर यानी जितना जल्दी हो सके, अपने प्रेस कार्यालय के जरिए धमाकों की निंदा कर संदेश भेजा."
द वॉल स्ट्रीट जरनल:
अमेरिका ने दिग्गज अखबार द वॉल स्ट्रीट जरनल की हेडलाइन है, "मुंबई में तीन धमाके, 21 की मौत." "भारत में 2008 के बाद हुआ यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है. हालांकि बीते कुछ सालों में खुफिया जानकारी और स्थानीय व केंद्रीय अधिकारियों के बीच तालमेल की कोशिशों को बढ़ावा दिया गया है, लेकिन इन धमाकों ने भारत की आतंरिक सुरक्षा की बड़ी चूकों को रेखांकित किया है." अमेरिकी अखबार का मानना है कि बम हमलों से भारत और पाकिस्तानी की शांति की कोशिशों में खलल पड़ सकता है.
द ऑस्ट्रेलियन:
"मुंबई एक बार पिर आतंकी धमाकों से दहला है. बीती शाम मिनटों के भीतर भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हुए तीन धमाकों में कम से कम 21 लोग मारे गए और 121 घायल हैं. भारत के गृह मंत्री ने सिलसिलेवार धमाकों को आतंकवादी हमला करार दिया है. धमाकों में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया. शहर और राजधानी दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है."
इन प्रमुख मीडिया संस्थानों ने सुरक्षा की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया को आशंका है कि धमाके भारत और पाकिस्तान के संबंधों में बाधा खड़ी कर सकते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया