फिर थर्राया जापान, फुकुशिमा में लपटें
१२ अप्रैल २०११मंगलवार सुबह रिएक्टर नंबर चार से आग की लपटें उठती दिखाई पडीं. आग के साथ धुआं भी आकाश में उठने लगा. परमाणु संयंत्र चलाने वाली कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ''आग की लपटें और धुआं अब नहीं दिखाई पड़ रहा है. आग पूरी तरह बुझा दी गई है.'' टेपको के मुताबिक आग पर सात मिनट के भीतर नियंत्रण पा लिया गया. बताया जा रहा है कि रिएक्टर के पास बैटरियों से भरा एक डिब्बा रखा हुआ था, आग उसी में लगी.
फुकुशिमा परमाणु संयंत्र 11 मार्च को आए जबरदस्त भूकंप से तबाह हो गया. परमाणु बिजलीघर के रिएक्टरों को खासा नुकसान पहुंचा है. कुछ रिएक्टरों में दरार आ गई है. इसकी वजह से रेडियोएक्टिव विकिरण फैल रहा है. जापान सरकार विकिरण के खतरे का दायरा बढ़ा चुकी है.
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण लोगों को 20 किलोमीटर के बाहर वाले इलाकों से भी जाने की सलाह दी है. 20-30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं और मरीजों से जगह छोड़ देने को कहा गया है.
जापान में एक बार फिर भूकंप के जोरदार झटके आए हैं. सोमवार के बाद मंगलवार सुबह भी टोक्यो और उसके आस पास के इलाकों में जलजला आया. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 आंकी गई. भूकंप के चलते टोक्यो हवाई अड्डे को कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा. हालांकि बाद में एयरपोर्ट को चालू कर दिया गया.
जापान में 11 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद से अब तक 15 से ज्यादा बार शक्तिशाली भूकंप के झटके आ चुके हैं. 11 मार्च को भूकंप के बाद विनाशकारी सूनामी लहरें उठीं, जिन्होंने 28,000 लोगों की जान ले ली.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन