फिर होगी पोलितकोव्स्काया हत्याकांड की जांच
३ सितम्बर २००९48 साल की पोलितकोव्स्काया बाज़ार से सब्ज़ी लेकर घर लौटी ही थीं कि पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने गोली दाग़ दी और उनकी वहीं मौत हो गई. विवादों में घिरी इस हत्या पर कई सवाल उठाए गए और अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया है. पोलितकोव्स्काया के वकील का कहना है कि उन्हें संतुष्टि इस बात पर है कि अदालत ने दख़ल तो दिया.
पत्रकार पोलितकोव्स्काया रूसी सरकार की प्रबल विरोधी मानी जाती थीं और उन्होंने क्रेमलिन पर सवाल खड़े करते कई मुद्दों को उठाया था. कहते हैं कि वह चेचन्या में रूसी ज़्यादती से जुड़ी एक अहम रिपोर्ट को जारी करने वाली थीं और इससे ठीक दो दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पोलितकोव्स्काया की हत्या पर गहरी नाराज़गी जताई और हत्यारों को सज़ा दिलाने का दबाव बनाया. फिर आनन फ़ानन में मुक़दमा चला, दो चेचन भाइयों को आरोपी बनाया गया और इस साल फ़रवरी में उन्हें बरी कर दिया गया. क्रेमलिन ने इन हमलों में किसी तरह का हाथ होने से इनकार किया है.
बाद में मामले की दोबारा सुनवाई शुरू हुई लेकिन पोलितकोव्स्काया के वकीलों का कहना था कि वह चाहते हैं कि पूरे मामले की जांच दोबारा हो, सिर्फ़ सुनवाई से नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि इसमें उन्हीं आरोपियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलेगा. आरोपियों में दो चेचन भाई शामिल हैं, जबकि एक का अब तक पता नहीं लग पाया है.
पोलितकोव्स्काया के मामले में इंसाफ़ की मांग कर रहे लोगों का दावा है कि रूस ऐसी जगह बन गई है, जहां सरकार विरोधी पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के जान की ख़ैर नहीं. पोलितकोव्स्काया के साथ काम कर चुकीं नतालिया एस्तेमिरोवा पर भी जुलाई में क़ातिलाना हमला हुआ था. एस्तेमिरोवा ने भी चेचन्या पर रिपोर्टिंग की थी.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद पोलितकोव्स्काया कांड में इंसाफ़ की उम्मीद एक बार फिर जगी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार