फीफा वर्ल्ड कप से पहले का कतर
१५ जनवरी २०११पिछले गुरुवार मैं कतर की राजधानी दोहा पहुंचा. एक हफ्ते बीतने के बाद शहर के बारे में मैंने कुछ अच्छी और बुरी राय बनाई है. सबसे पहली चीज जो मैंने महसूस कि वो ये है कि शहर तो बड़ा आधुनिक और शानदार है लेकिन खाड़ी के दूसरे शहरों के मुकाबले लोगों की जिंदगी यहां थोड़ी सुस्त है.
दोहा एयरपोर्ट पर उतरते ही मुझे अहसास हो गया कि ये दुबई का छोटा संस्करण नहीं है. कतर की राजधानी उतनी विकसित नहीं है लेकिन सरकार विकास के रास्ते पर इसे तेजी से दौड़ाने की कोशिश कर ही है. पूरा देश में जगह जगह निर्माण काम चल रहे हैं. दोहा सारी दिशाओं में फैल रहा है यहां तक कि समंदर के पानी के बीच भी. पानी के वापस लौटने से मिली जमीन पर जल्दी ही एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बन कर तैयार हो जाएगा.
जब आप यहां के खलीफा स्टेडियम और एस्पायर जोन में पहुंचेंगे तो आपको पता चलेगा कि एक शानदार स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स यहां 2006 के एशियाई खेलों के दौरान ही बन गया.
ट्रैफिक
दोहा के स्थानीय लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते. काम के दिनों में सड़कें पूरी तरह भरी होती हैं. यहां गाड़ी चलाना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि ज्यादातर स्थानीय लोग ट्रैफिक नियमों के हिसाब से गाड़ी नहीं चलाते. इतना ही नहीं हादसे का शिकार हुई गाड़ियों यूं ही सड़क किनारे छोड़ दी जाती हैं. मुझे नहीं पता कि क्यों लेकिन यहां के बारे में लोग मजाक में कहते हैं कि कतरवासी सुबह गाड़ी खरीदते हैं और शाम को उसे टक्कर मार कर तबाह कर देते हैं वो भी सिर्फ इसलिए ताकि अगली सुबह नई गाड़ी खरीद सकें. गैस की कीमत 15सेंट प्रति लीटर से भी कम है. निश्चित रूप से ज्यादातर लोगों के कम इंधन की खपत वाली कार की बजाय एसयूवी और दूसरी भारी गाड़ियों का इस्तेमाल करने के पीछे की ये खास वजह है.
फिलहाल इस शहर को किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वो है बेहतरीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट की. मेट्रो रेल सेवा जल्दी ही यहां शुरू होने वाली है. इस तरह से देखा जाए तो देश को फीफा वर्ल्ड कप 2022 जैसे किसी आयोजन की सख्त जरूरत इसलिए भी है ताकी बुनियादी ढांचे का विकास हो सके. हालांकि दोहा खुद को खेल और कारोबार का केंद्र बनाने की भरपूर कोशिश कर रहा है लेकिन फिर भी यह कई मायने में दुनिया के बाकी देशों से अलग है. मिसाल के तौर पर देखें तो इस मुल्क में शराब ढूंढना भी कोई कम टेढ़ी खीर नहीं.
सुरक्षित देश
कतर के लिए सुरक्षा कोई मसला नहीं इस मामले में इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में शामिल किया जा सकता है. वैसे देखें तो यहां कभी भी पुलिस नजर नहीं आती लेकिन आप अगर किसी समस्या में हों या फिर किसी और के लिए समस्या पैदा करें तो 20 सेकेंड में पुलिस का दस्ता हाजिर हो जाता है आपकी खिदमत के लिए. यहां दूसरे देशों से खासकर दक्षिण एशिया से आने वाले लोगों की भरमार है. अगर आप हिंदी या मलयालम बोलना जानते हों तो यहां घूमने कोई दिक्कत नहीं होगी. यहां के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में से एक विलाजियो दोहा में एक आइस स्केटिंग रिंग है. कतर की आइस स्केटिंग टीम का यही बेस है. हर रोज ताप यहां बच्चों को ट्रेनिंग लेते देख सकते हैं. सप्ताह के आखिरी दिनों में पेशेवर मैच खेले जाते हैं.
यहां का खलीफा स्पोर्ट्स सिटी 2006 में एशियाई खेलों के लिए बनाया गया.
फुटबॉल
2011 के एएफसी एशियन गेम्स में अभी तक दर्शकों की मौजूदगी नाम भर की ही दिखी है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबले को छोड़ दें तो बस स्थानीय अरब टीमों के मैच में ही भीड़ उमड़ती है. 2022 के वर्ल्ड कप की तैयारी करने वालों को इस बात पर ध्यान देना होगा.
अब तक चारों ग्रुपों के मैच में मैने कई दिलचस्प मैच देखे लेकिन सबसे मजेदार रहा जब ग्रुप बी में खिताब के दावेदार जापान का जॉर्डन से मुकाबला ड्रॉ रहा और सीरिया ने सउदी अरब को हरा दिया. मेजबान कतर के लिए अब तक के नतीजे मिले जुले रहे हैं. उज्बेकिस्तान ने उसे 0-2 से हराया और चीन 2-0 से हार गया.
फाइनल मुकाबले में कप किसके हाथ आएगा ये तो अभी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन टूर्नामेंट से पहले खिताब के दावेदार माने जा रहे ग्रुप सी के ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया दोनों की स्थिति मजबूत दिख रही है. दक्षिण कोरिया के सामने बहरीन ने बाधा बनने की कोशिश जरूर की लेकिन बेहतरीन पास के दम पर कोरियाई टीम उसे पार पाने में कामयाब रही उधर ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत को आसानी से शिकस्त दे दी.
आखिर में बस इतना कहूंगा कि फिलहाल यहां का मौसम ठंडा है और यकीन मानिये मैं मजाक नहीं कर रहा. पिछले कुछ दिनों से रात का तापमान काफी नीचे रह रहा है और शाम के मैच देखते वक्त हमें जैकेट और स्वेटर की जरूरत पड़ती है.
लेखकः अर्नब चौधरी, दोहा
संपादनः एन रंजन