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फुटबॉल का चीनी रंग

१४ जुलाई २०१२

डिडियर ड्रोग्बा इस हफ्ते चीन आए हैं. मकसद है यहां की स्थानीय लीग में विदेशी प्रतिभाओं की मदद से जोश और उत्साह भरना जिसकी बहुत जरूरत है. लेकिन आलोचकों का कहना है कि ऐसे कदमों से खेल की हालत बिगड़ रही है.

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तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन के मशहूर फुटबॉल क्लब चेल्सी के स्ट्राइकर ड्रोग्बा नई टीम शंघाई शेन्हुआ से जुड़ गए हैं. चाइनीज सुपर लीग की इस टीम में वह अब तक के सबसे हाई प्रोफाइल खिलाड़ी हैं. कई सालों तक विवाद और भ्रष्टाचार की गिरफ्त में रहने के बाद लीग खुद को दोबारा खड़ा करने की कोशिश में जुटा है. फ्रांस के स्ट्राइकर निकोलस अनेल्का, नाइजीरिया के अयेग्बानी याकुबु और वर्ल्ड कप विजेता टीम के कोच मारसेलो सिप्पी भी चीन में बड़े करार के साथ जुड़ रहे हैं. ज्यादातर क्लबों को स्थानीय कारोबारियों से पैसा मिल रहा है.

साथ साथ सितारे

ड्रोग्बा और अनेल्का शेन्हुआ में साथ खेलेंगे. खबर है कि दोनों को सालाना 1.5 करोड़ डॉलर (80 करोड़ रुपये) की तनख्वाह मिलेगी. यह रकम इंग्लिश प्रीमियर लीग में उन्हें मिलने वाली रकम की दोगुनी है. चाइनीज फुटबॉल एसोसियेशन मानता है कि सालों से भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय टीम की नाकामी से जूझ रहा चीनी फुटबॉल महंगे विदेशी खिलाड़ियों के दम पर चल पड़ेगा. सीएफए के प्रवक्ता डोंग हुआ ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "ऊंचे स्तर के विश्वस्तरीय खिलाड़ी और कोच स्थानीय खिलाड़ियों और कोच को सीखने का मौका देंगे. मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे कोच और खिलाड़ी इसके जरिए खुद को बेहतर करेंगे और इससे चीन का फुटबॉल सुधरेगा."

हालांकि फुटबॉल के जानकारों के साथ इंग्लिश और चाइनीज दोनों लीगों में खेल चुके खिलाड़ी मानते हैं कि बड़ा खर्च करके क्लब मालिक दिखावा कर रहे हैं और उन्हें इसकी बजाय जमीनी स्तर पर फुटबॉल के विकास में पैसा लगाना चाहिए. बीजिंग में फुटबॉल के प्रमुख कमेंटेटर रोवन सायमंस ने कहा, "यह खर्चे इन बड़े मालिकों का अहंकार से भरा पागलपन है, जो बहुत दिनों तक नहीं चलेगा. इस स्तर के फुटबॉल के लिए ड्रोग्बा और अनेल्का को लाना एकदम बेतुका है."

Internationale Fußball-Stars Nicolas Anelka
फ्रांसीसी स्टार अनेल्कातस्वीर: AP

कारोबारियों का उल्लू सीधा

फुटबॉल के हितैषी यह चिंता भी जता रहे हैं कि बड़े सितारों के साथ करार करके चीनी क्लबों के रईस मालिक अपने व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने में लगे हैं. सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि ड्रोग्बा से हुए करार में उनका एक चीनी ऑनलाइन कंपनी का प्रवक्ता होना भी शामिल है. इसी तरह अनेल्का को एक इंटरनेट कंपनी के तैयार किए ऑनलाइन गेम का प्रचार करने के लिए लाखों डॉलर देने की बात कही जा रही है. इस इंटरनेट कंपनी के चेयरमैन शेन्हुआ के प्रमुख निवेशक हैं.

एस्टन विला और वेस्ट हैम यूनाइटेड के पूर्व स्ट्राइकर का कहना है कि क्लब मालिक गलत काम पर पैसा बहा रहे हैं. हेयरवुड ने कहा, "उन्हें जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को पैसा देना चाहिए क्योंकि अपने देश में पैदा हुए और विदेश से आए खिलाड़ियों को मिलने वाले पैसे में बहुत फर्क है. इसका कोई फायदा नहीं है कि आप एक उच्च स्तर का स्ट्राइकर टीम में रख लें और हर मैच में उससे गोल की उम्मीद करें."

हाल के सालों में चीनी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. चीन 2014 के वर्ल्ड कप की दौड़ से बाहर हो चुका है. खबर है कि सीएफए ने रियाल मैड्रिड के पूर्व प्रमुख जोस अंटोनियो कामाचो को 80 लाख डॉलर सालाना के वेतन पर रखा. उसके बावजूद टीम के हिस्से नाकामी आई. ग्रुप में शीर्ष पर रह कर इराक की टीम ने अपनी सीट पक्की कर ली. राष्ट्रीय टीम अब तक सिर्फ एक बार 2002 वर्ल्ड कप में पहुंच पाई है.

एनआर/एजेए (एएफपी)

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