फुटबॉल के दीवाने, होफेनहाइम फैन का गुस्सा
१६ अगस्त २०११माइक पर उसने इतनी अजीबो गरीब आवाजें निकालीं कि दर्शकों और खिलाड़ियों को भी परेशानी हुई. हालांकि इस शोर मचाने वाले व्यक्ति को ढूंढने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. उसने खुद मान लिया है कि मैच के दौरान उसने अपनी मर्जी से यह काम किया है. इस करनी के बारे में पहले से किसी अधिकारी या टीम के किसी भी सदस्य को कोई जानकारी नहीं थी. डॉर्टमुंड यह मैच 1-0 से हार गया था.
बताया जाता है कि टीम की हूटिंग से दुखी और गुस्साया यह व्यक्ति टीएसजी 1899 होफेनहाइम टीम का एक कर्मचारी था. क्लब के बयान में कहा गया है कि यह व्यक्ति सहन न किए जा सकनी वाले टीम की हूटिंग के खिलाफ कुछ करना चाहता था. मैच के दौरान डॉर्टमुंड के फैन्स लाउडस्पीकर पर चिल्ला रहे थे और होफनहाइम का मजाक उड़ाने वाले गाने गा रहे थे.
इस कनफोड़ू हल्ले पर कानूनी कार्रवाई तो निश्चित ही होगी. हाइडलबर्ग की पुलिस ने 1899 के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस के प्रवक्ता हेराल्ड कुर्जर ने कहा, "फोर्जहाइम के फैन ने यहां शिकायत दर्ज करवाई है, हम शारीरिक चोट के संदेह की छानबीन कर रहे हैं."
इस मामले पर हाइडेलबर्ग की अदालत में सुनवाई होगी. जिस उपकरण के जरिए यह शोर मचाया गया, वह अब भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है. डॉयचे फुटबॉल लीग डीएफएल के नियमों के मुताबिक खेल के दौरान लाउडस्पीकर पर शोर मचाने की अनुमति नहीं है.
होफेनहाइम क्लब के लिए पैसे देने वाले डीटमार हॉप भी कहते हैं, "जो मुझे 90 मिनट तक अपमानित कर रहा है, उसे इतनी संवेदनशील प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. अगर बीवीबी के फैन्स पुलिस में शिकायत करते हैं तो मुझे अपमान के खिलाफ 200 शिकायतें दर्ज करवानी होंगी. जो भी मेरे लिए पवित्र है उस सबकी कसम खा कर मैं कहता हूं कि मुझे इस बारे में पहले से कुछ भी नहीं पता था."
दरअसल होफेनहाइम एक ऐसा क्लब है जिसकी अपनी कोई परंपरा नहीं है. होफेनहाइम के खिलाड़ी इस टीम में नहीं है. डीटमार हॉप धनी व्यक्ति हैं जो अच्छे खिलाड़ी और कोच खरीदते हैं. इस टीम में अधिकतर ऐसे खिलाड़ी हैं जो बाहर के हैं, जिनका इस इलाके या टीम से कोई लगाव नहीं है और इसिलिए जर्मन लीग में इस टीम का एक तरह से बायकॉट किया जा रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार