फेसबुक से आपको हो सकता है दमा
१९ नवम्बर २०१०मेडिकल जर्नल लैंसेट के आने वाले संस्करण की एक प्रति पहले ही रिलीज की गई है. इसमें डॉक्टरों ने एक ऐसे मामले की चर्चा की है जिसमें दमे की वजह फेसबुक है. यह मामला 18 साल के एक लड़के का है जिसने दवाइयों के सहारे दमे पर काबू पा लिया था. इस बीच उसका अपनी गर्लफ्रेंड से अलगाव हो गया. फिर उस लड़के ने पाया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने उसे अपनी फेसबुक लिस्ट से डिलीट कर दिया है. इसके बाद से वह लड़का जब भी फेसबुक खोलता उसे दमे का दौरा पड़ जाता.
डॉ. गेनारो डी आमातो ने लैंसेट में लिखा है कि इस मरीज ने फेसबुक पर देखा कि उसकी पूर्व प्रेमिका कई अन्य लड़कों के साथ दोस्ती कर रही थी. फिर उसने एक नई आईडी बनाई और किसी तरह उस लड़की की फेसबुक लिस्ट में शामिल हो गया. लेकिन जब भी वह उसकी तस्वीर को देखता, उसकी सांस फूलने लगती. डॉ. आमातो लिखते हैं कि ऐसा बार बार हुआ.
डॉक्टरों की एक टीम ने मरीज की पूरी जांच की. उन्होंने लड़के के फेसबुक पर लॉग इन करने से पहले और बाद में सांस की गति का भी माप लिया. डॉक्टरों ने पाया कि लॉग इन के बाद उसकी सांस में हवा का बहाव 20 फीसदी तक घट जाता था.
डॉ. आमातो ने लिखा है कि आखिरकार लड़के ने फेसबुक पर जाना बंद कर दिया और फिर उसके दमे के दौरे भी बंद हो गए. वह लिखते हैं, "इस मामले से संकेत मिलता है कि फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्क मानसिक तनाव के नए स्रोत बन सकते हैं. इससे तनावग्रस्त लोग दमे जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं."
डॉक्टरों ने दुनियाभर के अपने साथियों से अपील की है कि वे दमे के कारणों को तलाशते वक्त सोशल नेटवर्किंग को भी ध्यान में रखें.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एमजी