फैसल शहजाद को आज होगी सजा
५ अक्टूबर २०१०शहजाद 1 मई को धमाके की इस नाकाम कोशिश की जिम्मेदारी कबूल चुका है. आंतकवाद फैलाने और हथियार रखने के 10 आरोपों को स्वीकारते हुए शहजाद ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका मुस्लिम इलाकों में अपनी कार्रवाइयां जारी रखता है तो आने वाले दिनों में उसे और हमलों का सामना करना होगा.
शहजाद कह चुका है, "मैं अपना जुर्म कबूलना चाहता हूं. मैं 100 बार अपना जुर्म कबूलता हूं क्योंकि जब तक अमेरिका इराक और अफगानिस्तान से नहीं हट जाता. सोमालिया, यमन और पाकिस्तान में ड्रोन हमले नहीं रोकता और मुस्लिम जमीनों का कब्जा नहीं छोड़ता और मुसलमानों को कत्ल करना नहीं रोकता.. तब तक हम अमेरिका पर हमले करते रहेंगे. और मैं इसे स्वीकार करता हूं."
पिछले हफ्ते वकीलों ने कहा कि शहजाद ने बहुत सोच समझ कर घनी आबादी वाले इलाकों को अपने निशाने के तौर पर चुना. संघीय अदालत में सौंपे गए दस्तावेज में शहजाद ने कहा है कि अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वह दो हफ्तों के भीतर न्यूयॉर्क सिटी में धमाका करने वाला था.
जून में शहजाद ने जज को साफ बताया कि 2009 में अमेरिकी नागरिक बनने के बाद वह अपने परिवार वालों से मिलने पाकिस्तान गया. पेशावर में उसे तहरीके तालिबान से बम बनाने की ट्रेनिंग मिली. कनेटीकट शहर में रहने वाले शहजाद के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं. उसे अमेरिका से भागने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल