'बकाया पैसा दे भारत, वरना'
१४ मार्च २०११ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स और स्विटजरलैंड ने भारत सरकार से आधिकारिक रूप से यह शिकायत की है. शिकायत का पुलिंदा भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को थमाया गया है. इसमें कहा गया है कि भारत 7.40 करोड़ डॉलर से ज्यादा का बकाया चुकाए. शिकायत कहती है, ''इन मामलों का निपटारा करने में हो रही देरी की वजह से भारत की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. विदेशी कारोबारियों के मन में भारतीय ठेका प्रणाली के प्रति अविश्वास पैदा होने लगा है.''
सोमवार को भारत के प्रमुख अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने इस शिकायती खत को छाप दिया. ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों ने बेहद नाराजगी जताते हुए कहा है कि उन्हें उद्घाटन और समापन समारोह का बकाया नहीं दिया गया है. वहीं ब्रिटेन की कंपनी SIS लाइव प्रसारण संबंधी अधिकार के पैसे को लेकर उलझी हुई है.
अधिकारियों का यह भी आरोप है कि कॉमनवेल्थ खेलों के लिए भारत भेजी गई कई मशीनें अब तक वापस नहीं आ सकी हैं. भारत के कस्टम संबंधी नियमों और तामझामों की वजह से उनके बेशकीमत उपकरण वहीं फंसे हुए हैं.
भारत में इस वक्त भ्रष्टाचार के मामलों की बाढ़ आई हुई है. चिंता की बात यह है कि अब विदेशी निवेश भी गिरने लगा है. विदेशी निवेशकों के मन में भारतीय व्यवस्था को लेकर संशय होने लगा है. चीन, सिंगापुर और ब्राजील जैसे देश उन्हें ज्यादा भाने लगे हैं.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: महेश झा