बम नहीं व्यापार से बनेगी बात
१३ अप्रैल २०१२140 करोड़ की साझी आबादी और हजारों साल का साझा इतिहास होने के बावजूद दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपसी कारोबार बहुत मामूली है और दोनों के बीच हुए तीन जंगों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. सालों से पाकिस्तान के लोग भारत की बजाय केन्या की चाय से काम चला रहे हैं. भारत से निर्यात होने वाले कुल कपड़ों का एक फीसदी भी पाकिस्तान को नहीं जाता. पर अब सब कुछ बदलने की तैयारी है. सितंबर में दोनों देशों ने आपसी व्यापार को अगले तीन वर्षों में दोगुना कर 6 अरब डॉलर तक पहुंचाने का निश्चय किया है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के भारत दौरे के बाद इस मेले की शुरुआत हो रही है. इससे पहले दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री सीमा पर व्यापार चौकी शुरू करने के बाद कारोबार बढ़ाने पर बातचीत करेंगे. शुक्रवार को भारतीय वाणिज्य मंत्री अपने पाकिस्तानी समकक्ष मखदूम अमीन फहीम के साथ वाघा सीमा पर पाकिस्तान के लाहौर और भारत के अमृतसर के बीच व्यापार चौकी शुरू कर रहे हैं.
इसी हफ्ते व्यापार के लिए करारों में तेजी आने की उम्मीद भी की जा रही है. धान की भूसी से तेल निकालने की भारतीय मशीन और चाय को पाकिस्तान सीधे भेजने की तैयारी चल रही है.कारोबार पर लगे भारी प्रतिबंधों को उदार बनाना और निवेश बढ़ाना दोनों देशों के बीच शांति की कोशिशों में बड़ा फायदा कर सकता है. भारत पाकिस्तान के नाजुक रिश्ते 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले के बाद से पूरी तरह ठहरे हुए हैं. पाकिस्तान का व्यापार विकास निगम दिल्ली में मेले का आयोजन कर रहा है. निगम के प्रमुख तारीक पुरी कहते हैं, "आतंकवाद कारोबार को बंधक बना ले ऐसा नहीं होना चाहिए." समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में पुरी ने कहा," हम पाकिस्तान का नरम चेहरा सामने रखने जा रहे हैं. हॉल में घुसते ही आप अच्छा महसूस करेंगे. आप कहेंगे ओहो हमारी तो पाकिस्तान के बारे में बिल्कुल अलग राय थी लेकिन आप यहां देखेंगे कि पाकिस्तान कितना आधुनिक, फैशनपरस्त और डिजायन पसंद."
मेले से पहले एक अधिकारी ने बड़े गर्व से बताया कि भारत सरकार ने मेले के लिए 600 पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा दिया है. मेले में पाकिस्तान के बड़े कारोबारी मियां मंशा के भी आने की उम्मीद जताई जा रही है. मियां मंशा को फोर्ब्स पत्रिका ने पाकिस्तान का पहला अरबपति बताया है. इसके साथ ही पाकिस्तानी गायक और फिल्म कलाकारों की भी आमदरफ्त इस दौरान रहेगी. पुरी कहते हैं, "एक साल पहले तक हम ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते थे कि भारत में ऐसा कोई बड़ा मेला लगा सकेंगे."
भारत ने घरेलू दबाव के बावजूद जरदारी सरकार के भारत को सबसे अधिक वरीयता वाला देश करार देने के फैसले की भी तारीफ की है. इसकी वजह से बहुत सी चीजों के एक दूसरे के देश में तीसरे देश से होकर पहुंचने का प्रतिबंध खत्म हो गया है. पाकिस्तान को उम्मीद है इस कदम के जवाब में उसका पड़ोसी पाकिस्तानियों के लिए वीजा की प्रक्रिया आसान बनाएगा. इसके साथ ही कपड़ों से लेकर सीमेंट तक के कारोबार के राह की बाधा दूर करने की भी उम्मीद की जा रही है.
घोटालों के दलदल में फंसी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान के साथ शांति बहाल करने को अपनी राजनीतिक विरासत का लक्ष्य बनाया है. विवादित मुद्दों पर रुख नरम कर कारोबार के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की जा रही है.
एनआर/एमजे(रॉयटर्स)