बर्लिन में पशु पक्षी
नटखट गिलहरी
भारत में सड़कों पर जानवरों का दिखना आम है. कहीं गाय और कुत्ते तो कहीं हाथी, घोड़े और ऊंट भी दिख जाते हैं, लेकिन पश्चिमी देशों में शहरों में जानवरों का दिखना असाधारण सा लगता है. जर्मन राजधानी बर्लिन में भी कई तरह के पशु पक्षी दिख जाते हैं, लेकिन शहर के अनगिनत बागों में. गिलहरियां लोगों का मन ऐसे मोहती हैं कि हर जगह उन्हें कुछ न कुछ खाने को मिल ही जाता है.
अनचाही बतख
हर साल बर्लिन में करीब एक सौ लोगों को बिना मांगे ही नया पालतू जानवर मिल जाता है. बतखें लोगों के घरों की बालकनी में अंडे दे जाती हैं. बतखें खूबसूरत जगहों पर घोसला बनाना पसंद करती हैं. एक बतख ने तो जमीन से पचास मीटर ऊपर सोलहवीं मंजिल पर अंडे दिए.
चतुर लोमड़ी
पिछले दस सालों में बर्लिन में जंगली जानवरों की तादाद काफी बढ़ गई है. लोमड़ियां अब बर्लिन में हर जगह दिखने लगी हैं. ये खतरनाक नहीं होती, लेकिन खाने की तलाश में शहर में घूमती हैं. एक लोमड़ी ने तब सुर्खियां बटोरी जब वह लगातार चांसलर मैर्केल के दफ्तर के बाहर दिखने लगी.
तेज नजरों वाला बाज
बर्लिन के टीवी टावर के इर्द घूमता हुआ बाज. यह करीब तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अपने शिकार पर झपट सकता है. कुछ साल पहले इस इलाके में ये लुप्त होने की कगार पर थे. लेकिन अब इनकी संख्या में काफी बढ़ गई है. बर्लिन में पक्षियों की 140 प्रजातियां हैं.
शैतान रकून
बर्लिन में रहने वाले जानवरों में सबसे ज्यादा उत्पात रकून मचाते हैं. ये जानवर लोगों के गैराज में घुस जाते हैं और वहां तोड़फोड़ करते हैं. पहले फर के लिए इनका शिकार किया जाता था. तीस के दशक में जर्मनी के हेस्से राज्य में 'फर फार्म' बंद कर दिए गए. तब इन्हें आजाद कर दिया गया था. तब से ये पूरे जर्मनी में फैल गए हैं. अकेले बर्लिन में ही पचास रकून मौजूद हैं.