बाजार में हलचल, एकजुटता की अपील
१३ जून २०१२यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता ने ग्रीस के चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयानों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन साथ ही कहा, "हमारा रुख अपरिवर्तित है. हम उम्मीद करते हैं कि ग्रीस मानी गई सारे शर्तों को पूरा करेगा." पिछले रविवार को यूरो देशों द्वारा स्पेन के लिए 100 अरब यूरो की मदद की घोषणा के बाद ग्रीस में उम्मीदें जगी हैं. स्पेन के बैंकों की मदद के लिए उतनी कड़ी शर्तें नहीं लगाई गई हैं जितनी ग्रीस को दिए गए कर्ज के लिए. यूरो देशों के अनुसार शर्तें आसान इसलिए हैं कि कर्ज सरकारी बजट के लिए नहीं है बल्कि खस्ताहाल बैंकों में सुधार के लिए है.
ग्रीस के चुनाव प्रचार के दौरान वामपंथी मोर्चे सिरिजा की सभाओं में अरबों यूरो के सहायता पैकेज पर फिर से बात करने की मांग की गई. आपात कर्ज लेने के लिए ग्रीस को अपने बजट घाटे में कमी करनी है और सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भारी कटौतियां करनी हैं. उसे 130 अरब यूरो का दूसरा सहायता पैकेज मिलना है. सिरिजा दाता संगठनों के दबाव पर सुधारों और कटौती की शर्तों को अस्वीकार करती है.
इधर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने वित्तीय मदद पर हो रहे विवाद के बीच यूरोप में एकजुटता की अपील की है. बर्लिन में अपनी सीडीयू पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यूरोपीय संतर पर बैंक नियामक संस्था बनाने का मसला भी उठाया. उन्होंने कहा, "यदि हमें बेहतर निगरानी के लिए यूरोपीय संस्थाओं की जरूरत है तो हमें उसे राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपनी होगी." उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट के समाप्त होने में समय लगेगा. सहायता के कदम तुरंत काम नहीं करते, "इसलिए यूरोप के लिए घातक होगा, अगर कुछ देशों के सही रास्ते पर चले कदमों को हम बीच में ही रोक दें या खुद आधे रास्ते में रुक जाएं."
गेला मैर्केल सरकारी खर्च में अनुशासन लाकर वित्तीय संकट को दूर करने के पक्ष में हैं तो फ्रांस के नए राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले कदमों का पक्ष ले रहे हैं. फिनलैंड के प्रधानमंत्री जिरकी काताईनेन का कहना है कि यूरोप को बाजार खोलकर विकास को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बड़े बाजार से अधिक समृद्धि आएगी.
उधर स्पेन के लिए 100 अरब यूरो के सहायता पैकेज की घोषणा के बावजूद स्पेन में वित्तीय उथल पुथल जारी है. दस साल के बांड पर ब्याज दर बढ़कर मंगलवार को यूरो के लागू होने के बाद से 6.7 फीसदी के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. इटली के सरकारी बांड पर भी असर हुआ है. 10 साल के बांड की ब्याज दर 6.1 फीसदी पर चढ़ गई. विशेषज्ञ बाजार में घबराहट की बात कर रहे हैं. ग्रीस के चुनाव से पहले निवेशक अपना पैसा सोने और डॉलर में लगा रहे हैं.
एमजे/एएम (डीपीए)