बाढ़ में घिरा पूर्वोत्तर भारत
३० जून २०१२27 जिलों वाले राज्य असम के 21 जिले बाढ़ से घिर गए हैं. एशिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. राज्य के कृषि मंत्री नीलमणि सेन डेका के मुताबिक, "बाढ़ की वजह से कम से कम 30 लोग मारे गए हैं. गोलपाड़ा जिले में नाव डूबने से पांच लोगों की मौत हुई. 10 लाख से ज्यादा लोग अपना घर बार छोड़ने को मजबूर हुए हैं. बाढ़ का पानी हजारों गांवों में घुस गया है."
ज्यादातर विस्थापित अस्थाई राहत शिविरों में हैं. राज्य सरकार के राहत शिविरों में अब तक 400,000 लोग पहुंच चुके हैं. ब्रह्मपुत्र के द्वीप मंजूली के लोग अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं. वहां 50 गांवों के घर बह गए हैं. मंजूली में रहने वाले 60 साल के पूनीराम हजारिका ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, "हमारे पास सिर्फ तन पर पहने हुए कपड़े ही बचे हैं." द्वीप में 75,000 लोग रहते हैं.
बाढ़ की मार काजीरंगा नेशनल पार्क पर भी पड़ी है. स्थानीय लोगों के मुताबिक बाढ़ की वजह से काजीरंगा के गैंडें भाग रहे हैं. कई गैंडों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर दौड़ते हुए देखा गया है. 70 हाथियों का झुंड भी एक जगह जमा हो गया है.
हर साल मॉनसून के दौरान भारत के कई राज्यों में बाढ़ आती है. देश में मॉनसून जून से शुरू होता है और अक्टूबर तक चलता है. भारत सरकार के मुताबिक इस साल अब तक मॉनसून की वजह से देश में कम से कम 150 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ की मार बांग्लादेश पर भी पड़ी है, वहां अब तक 110 लोग मारे जा चुके हैं. बांग्लादेश के खाद्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय के मुताबिक कई जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है.
अरुणाचल में शुक्रवार को लोगों में बाढ़ का डर कुछ कम हुआ. राज्य की कई बड़ी नदियों का पानी नीचे उतरने लगा है. हालांकि सैकड़ों गांवों में अब भी पानी भरा हुआ है. गुरुवार को चांगलांग जिले में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 185 गांव वालों को बाहर निकाला. लोहित, दिबांग घाटी, पूर्वी सिआंग और चांगलांग जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है. सहायक सह आयुक्त के रिबा के मुताबिक, "राहत कैंप में चौबीसों घंटे एक मेडिकल टीम तैनात की गई है ताकि बीमारों का इलाज होता रहे. पर्याप्त दवाएं हैं."
अरुणाचल के एक दो इलाकों से संपर्क अभी भी कटा हुआ है. भारी बारिश की वजह से अपर सिआंग जिले में कई जगहों पर अचानक तेज बाढ़ आई, जो सड़कों को काटती चली गई.
ओएसजे/एमजे (पीटीआई, डीपीए, एपी)