बापू पर बनी एनीमेशन फिल्म बड़े पर्दे पर
११ अक्टूबर २०१०केरल में तो फिलहाल मलयालम भाषा में बनी फिल्म ही दिखाई जाएगी. अग्रेंजी और दूसरी भाषाओं में भी जल्दी ही यह फिल्म जारी होगी. गांधी प्रतिष्ठान की पहल पर बनी माइ डियर बापूजी महात्मा गांधी के जीवन और आदर्शों पर आधारित है. गांधी प्रतिष्ठान इस फिल्म के जरिए देश के युवाओं तक बापू का संदेश पहुंचाना चाहता है.
गांधी जी के जन्म से लेकर जीवन के हर पहलू को इस फिल्म में शामिल किया गया है. मसलन मां के रूप एक धार्मिक महिला ने बापू के जीवन पर क्या असर डाला. साथ ही दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन यात्रा के दौरान जो उन्हें बदसलूकी झेलनी पड़ी, बापू का सत्याग्रह और भारत की आजादी की लड़ाई में उनका योगदान, इस फिल्म में सब कुछ है.
फिल्म में खासतौर से नीति से जुड़े उन सिद्धांतो पर ज्यादा जोर दिया गया है जो महात्मा गांधी को सबसे ज्यादा प्रिय थे जैसे ईमानदारी, अहिंसा, और धर्मनिरपेक्षता. फिल्म के निर्देशक एके साइबर ने बताया, "यह पूरी तरह से बच्चों की फिल्म है और उन्हीं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. फिल्म नैरेटिव स्टाइल में है. यानी कोई एक शख्स पूरी फिल्म कहानी के रूप में सुनाता है जिसकी वजह से फिल्म और आकर्षक बन गई है."
इसी तरह की एनिमेशन फिल्म देश के दूसरे महापुरुषों के जीवन पर भी बनाने की तैयारी की जा रही है. इनमें सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे नाम शामिल हैं. बापू के जीवन और उनके संघर्षों पर देश विदेश में पहले से ही कई फिल्में बन चुकी हैं. इनमें से विदेश में बनी एक फिल्म को तो आठ ऑस्कर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. हालांकि भारत में बनी ज्यादातर फिल्मों को लोगों ने उतना पसंद नहीं किया.
रिपोर्टः एजेंसिंया/एन रंजन
संपादनः ए कुमार