बिजली की गति वाले बोल्ट नहीं दौड़ेंगे
११ अगस्त २०१०जमाइका के उसैन बोल्ट ने 2008 के पेइचिंग ओलंपिक में 100 मीटर और 200 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीता और फिर 2009 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्होंने अपना दबदबा बनाए रखा. दोनों प्रतिस्पर्धाओं में बोल्ट विश्व कीर्तिमान बना चुके हैं. लेकिन नए रिकॉर्ड कायम करने वाले बोल्ट को एक झटका पिछले शुक्रवार को लगा जब स्टॉकहोम में उन्हें अमेरिका के टायसन गे ने 100 मीटर की फर्राटा रेस में हरा दिया.
इस हार के बाद बोल्ट ने अपना मेडिकल परीक्षण कराया और उन्हें म्यूनिख में डॉक्टर ने बताया कि अगर पीठ की मांसपेशियां सख्त होने के बावजूद उन्होंने दौड़ना जारी रखा तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. डॉक्टरों के मुताबिक पीठ सख्त होने की वजह से बोल्ट भागते समय ताकत पैदा नहीं कर पा रहे हैं जिससे उनकी गति कम हो रही है.
बोल्ट ने अपना नाम आईएएएफ डायमंड लीग से वापस ले लिया है जो ज्यूरिख और ब्रसेल्स में होने वाली थी. बोल्ट के एजेंट रिक्की सिम्स ने बताया, "उनके करियर को देखते हुए हम मानते हैं कि उन्हें इलाज कराने की जरूरत है, ताकि उनकी पीठ में खिंचाव कम हो सके और उन्हें आराम मिल सके. यही उनके हित में होगा."
बोल्ट का कहना है कि ज्यूरिख और ब्रसेल्स में हिस्सा नहीं ले पाने से वह बेहद निराशा हैं लेकिन वह इस साल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. "2011 और 2012 में बेहद अहम चैंपियनशिप होने जा रही हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप और फिर लंदन ओलंपिक. मैं तब तक पूरी तरह फिट होना चाहता हूं. मुझे मिल रहे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं और आने वाले दिनों में और मजबूत होकर उभरने की कोशिश करूंगा."
2008 के पेइचिंग ओलंपिक में बोल्ट ने 100 मीटर की दौड़ में 9.69 सेकेंड और 200 मीटर की रेस में 19.30 का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. फिर अगस्त 2009 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 100 मीटर की रेस में वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधार कर उसे 9.58 सेकेंड कर दिया जबकि 200 मीटर की रेस में यह कीर्तिमान 19.19 सेकेंड हो गया. मीडिया में इसके बाद बोल्ट को लाइटनिंग बोल्ड का तमगा दिया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार