बिरले जर्मन ही करते हैं उपवास
२० मार्च २०११ज्यादातर जर्मनों के लिए उपवास कोई मुद्दा ही नहीं है. कार्निवाल की मस्ती के दिनों के बाद जब जम कर खाया पिया जाता है, उपवास करने की परंपरा शरीर को फिर से सामान्य में स्थिति में लाने का तरीका थी. लेकिन इस बीच सिर्फ 11 फीसदी लोग यानि कि हर नौवें लोग इस अवधि का इस्तेमाल कम खाने, कम पीने या फिर सिगरेट और सेक्स जैसी चीजों का परित्याग करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
89 फीसदी का बड़ा बहुमत अपनी जिंदगी ठीक वैसे ही जीता है जैसे वह साल के बाकी दिनों में जीता है. सामान्य रूप से खाते पीते, मस्ती करते. 7 फीसदी लोग धार्मिक कारणों से उपवास करते हैं.
सर्वे में यही पता चला है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं उपवास में अधिक दिलचस्पी दिखाती हैं. एकीकरण के 20 साल बाद भी जर्मनी के पूर्वी और पश्चिमी इलाके में उपवास में दिलचस्पी के मामले में अंतर दिखता है. पूरब में सिर्फ 4.6 फीसदी लोग उपवास करने की सोचते हैं तो पश्चिमी हिस्से में 13 फीसदी लोग.
उपवास की यह अवधि ईस्टर से पहले के सात सप्ताह में जीसस क्राइस्ट के 40 दिनों के प्रसिद्ध व्रत की याद में मनाई जाती है. जर्मनी में बहुत सी ईसाई पहलकदमियां लोगों से कार्निवाल वाले बुधवार से ईस्टर रविवार तक उपवास में शामिल होने की अपील करते हैं. इस अवधि में जिन चीजों को छोड़ा जाता है उनमें बहाने बनाने से लेकर कार सेलफोन या इंटरनेट का इस्तेमाल न करने या सिगरेट, शराब और मिठाई छोड़ने का वचन दिया जाता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एन रंजन