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बोल्ट की बिजली फिर कौंधी: नया रिकॉर्ड

१७ अगस्त २००९

जमैइका के यूसेन बोल्ट ने बर्लिन विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप में 100 मीटर 9.58 सेकंड में तय करके एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. लगता है विश्व रिकॉर्ड जैसी बातें बोल्ट के लिए कोई मायने ही नहीं रखतीं.

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रिकॉर्ड पर रिकॉर्डतस्वीर: AP

यूसेन बोल्ट हर दौड़ में अपने आप को और भी बेहतर साबित करते हैं. पिछले साल पेइचिंग ओलंपिक में ही बोल्ट ने 9.69 सेकंड में 100 मीटर दौड़कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था. बर्लिन चैंपियनशिप में आए लोगों को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था. कई लोगों का मानना है कि इतने कम समय में 100 मीटर तय करना, ऐसा सपने में ही सोचा जा सकता है.

सेमीफ़ाइनल में बोल्ट की शुरुआत ठीक नहीं रही लेकिन फ़ाइनल दौड़ में उन्होंने जैसे स्टार्ट लाइन से हवाई जहाज़ की तरह उड़ान भरी और फिर उड़ते ही चले गए. पलक झपकते ही 20 मीटर पार कर चुके थे और घड़ी देखते देखते अंतिम लाइन पार की. फिर अपने दोस्त पॉवेल से गले मिले और खेल देखने आए करीब 70 हज़ार लोगों का भी अभिवादन किया.

अमेरिका के टाइसन गे 9.84 सेकंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे और जमैइका के ही आसाफा पावेल ने 9.84 सेकंड का समय लेकर तीसरा स्थान हासिल कर लिया. बोल्ट ने कहा, "मुझे पता था यह रेस आसान नहीं होगी लेकिन मैंने वही किया जो मुझे करना था."

उधर 800 मीटर की महिला रेस में जर्मनी की जेनिफर ओएसर ने हिम्मत न हारने की एक शानदार मिसाल पेश की. वह रेस ख़त्म करने से कुछ 450 मीटर दूर थी कि वह गिर गईं. रेस के बाद उन्होंने कहा, "मैंने पहले सेचा था, अगर मैं गिरी तो वही एक परेशानी होगी और धम से मैं ज़मीन पर थी. और मैंने सोचा, नहीं... उठ खड़ी हुई और बाक़ी सारे खिलाड़ी आगे निकलते जा रहे थे. मैंने सोचा, गड़बड़ नहीं करनी है...गड़बड़ नहीं करनी है और देखने वाले लोग भी चिल्ला चिल्ला कर मुझे दौड़ने को प्रेरित कर रहे थे...वह ज़बरदस्त था."

ओएसर को रेस के अंत में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन "डांके बर्लिन" यानी शुक्रिया बर्लिन वाली टी शर्ट पहनी ओएसर की हंसी चेहरे से जा ही नहीं रही थी. इसके साथ ही जर्मनी को 1997 के बाद हैप्टाथ्लॉन में पहला विश्व पदक मिला है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए कुमार