ब्रिटिश अखबार के खिलाफ हैकिंग की जांच
७ जुलाई २०११ब्रिटेन में रविवार को सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड पर आरोप है कि उसने ब्रिटेन के मारे गए सैनिकों के रिश्तेदारों के टेलीफोन हैक किए हैं. द टेलीग्राफ ने खबर दी है कि निजी जासूस ग्लेन मलकेरे के पास इराक और अफगानिस्तान में मारे गए ब्रिटिश जवानों के रिश्तेदारों के निजी आंकड़े मौजूद हैं.
रुपर्ट मर्डोक के स्वामित्व वाले न्यूज इंटरनेशनल ग्रुप ने कहा है कि अगर यह खबर सच है तो यह बेहद दुखद है. द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड इसी ग्रुप से जुड़ा अखबार है. टेलीग्राफ की खबर में कहा गया है कि ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने उन जासूसों से सफाई मांगी है, जिन्होंने जवानों के परिवार वालों से संपर्क किया और उन्हें आगाह किया कि उनके टेलीफोन की टैपिंग हो सकती है.
ब्रिटेन में हंगामे के बाद संसद में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि वह इन बातों से आहत हैं और वह न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार के खिलाफ जांच कराएंगे. लेकिन विपक्ष का कहना है कि कैमरन का इस अखबार के दो पूर्व संपादकों और मालिक 80 वर्षीय ऑस्ट्रिलेयाई मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन रुपर्ट मर्डोक के साथ करीबी नाता रहा है और अगर कोई जांच होती भी है तो उसके नतीजे आने में बरसों नहीं तो महीनों तो लग ही जाएंगे.
मामले को तूल पकड़ता देख मर्डोक को भी बयान देना पड़ा जो सामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर फोन हैकिंग हुई है तो यह अस्वीकार्य है और वह पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं. मर्डोक की न्यूज इंटरनेशनल ग्रुप ब्रिटेन का सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप है और लगभग आधे कारोबार पर इसी का कब्जा है. लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद विज्ञापनदाताओं ने उनसे किनारा करने का संकेत दे दिया है और ब्राडकास्टर बीस्काईबी खरीदने की उनकी योजना पर भी धक्का लगा है.
द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड का फोन हैकिंग से पुराना नाता रहा है. इसके शाही संवाददाता और मलकेरे को 2007 में ऐसी ही घटना के बाद जेल भी जाना पड़ा था. ताजा जानकारी के मुताबिक ज्यादातर नेता और सेलिब्रिटी के फोन हैक किए गए लेकिन अब इसमें 2005 में लंदन में हुए 7/7 के आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों का नाम भी जुड़ गया है. ग्राहम फोल्क्स के बेटे डेविड की उस हमले में मौत हो गई थी. उनका कहना है कि उन्हें यह जानकर सदमा पहुंचा है कि कोई उनके फोन सुन रहा था.
सबसे हैरान करने वाली बात है कि ब्रिटेन की एक किशोरी मिली डावलर के फोन के वॉयसमेल सुनने और डिलीट करने का भी मामला सामने आया है. डावलर 2002 में अचानक लापता हो गई थी और बाद में मृत पाई गई थी.
मामला सामने आने के बाद फोर्ड और मित्सुबिशी कार सहित कई कंपनियों ने एलान कर दिया है कि वह इस अखबार को विज्ञापन नहीं देंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह