ब्रिटेन में पांच लाख नौकरियों पर कैंची
२० अक्टूबर २०१०बुधवार को संसद में जॉर्ज ओसबोर्न ने घोषणा की कि 2014 तक ब्रिटेन में पांच लाख नौकरियां खत्म कर दी जाएंगी. सरकार ने बुधवार को इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि सार्वजनिक खर्चे में 80 अरब डॉलर की कमी के तहत ये किया जा रहा है. ब्रिटेन के ऐतिहासिक घाटे को कम करने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.
आर्थिक मामलों के जानकारों में से कुछ तो इस भारी कटौती का समर्थन करते हैं लेकिन कुछ कहते हैं कि इस कारण ब्रिटेन फिर से आर्थिक मंदी का शिकार हो जाएगा. हालांकि सभी लोग मानते हैं कि भारी कटौती के कारण ब्रिटेन में विकास की गति कम हो जाएगी और बैंक ऑफ इंग्लैंड को अपनी मुद्रा नीति में काफी ढील देनी पडेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि ये रास्ता मुश्किल है लेकिन विकास के रास्ते पर जाता है. पेंशन पाने वाले लोगों के लिए खास उपाय पिछली सरकार की नीतियों के हिसाब से ही जारी रहेंगे और ठंड के दिनों में मिलने वाला खास भुगतान स्थायी कर दिया जाएगा.
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ने रिटायरमेंट की उम्र 2020 तक 66 करने की भी बात कही. इसे धीरे धीरे 65 से 66 किया जाएगा. साथ ही बैंकों के लिए एक नया शुल्क भी लागू किया जाएगा. इस बारे में पूरी जानकारी गुरुवार को दी जाएगी. आर्थिक मामलों के जानकार इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बजट में सबसे बड़ी कटौती बता रहे हैं. ओसबोर्न ने कहा कि कई देश सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा रहे हैं. इस कारण कम से कम पांच अरब डॉलर की सालाना बचत हो सकेगी.
ब्रिटेन के कर्मचारी संघ ने नौकरियों में कटौती का विरोध तो किया है लेकिन फ्रांस की तुलना में ये विरोध काफी शांत और कम है.
ब्रिटिश सरकार विरोध से घिरी हुई है लेकिन ओसबोर्ने ने कहा है कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है जिससे वह 11फीसदी के रिकॉर्ड बजट घाटे को पांच साल में कम करते दो फीसदी पर ला सकें.
अब तक कोई ब्रिटिश सरकार इतने कड़े और महत्वाकांक्षी कदम उठाने में सफल नहीं हो सकी है. राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक शोध संस्थान का कहना है कि सरकार ने जो सोचा है उसकी आधी कटौती तो वह करके ही रहेगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य