ब्लाटर फिर बने फीफा अध्यक्ष, बड़ी जीत
२ जून २०११जेप ब्लाटर का अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना चुनाव से पहले ही तय था, क्योंकि वह इस चुनाव में अकेले ही उम्मीदवार थे. उनके विपक्षी मोहम्मद बिन हम्माम ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अपना नाम वापस ले लिया था. हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप ब्लाटर पर भी लगते आए हैं.
इन आरोपों के चलते इंग्लैंड फुटबॉल एसोसिएशन ने चुनाव को स्थगित करवाने की काफी कोशिश भी की.
लेकिन चुनाव टालने के प्रस्ताव को फीफा कांग्रेस ने खारिज कर दिया. चुनाव के स्थगन के प्रस्ताव का कांग्रेस के 206 वैध सदस्य महासंघों में से केवल 17 ने समर्थन किया, जबकि इसके विरोध में 172 मत पड़े.
"मैं नाराज नहीं हूं"
बुधवार को ज्यूरिख में हुए चुनाव में में ब्लाटर को 203 में से 186 वोट प्राप्त हुए. चुनाव जीतने के बाद ब्लाटर ने कहा, "मैं अब एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं और जिन लोगों ने मेरे लिए वोट नहीं किया, मेरे दिल में उनके लिए कोई नाराजगी नहीं है. इसलिए आप चिंता न करें." ब्लाटर ने कहा कि वह फीफा को सभी इल्जामों से मुक्त कराएंगे.
"हमें फीफा के इस जहाज को साफ पानी में उतारना है और इस बार उसे सही दिशा देनी है. इसमें हमें थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन हम ऐसा कर के रहेंगे. हमारी इमारत बहुत मजबूत है, क्योंकि हमने उसकी नींव मजबूत रखी है."
नेशनल एसोसिएशंस को अहमियत
ऐसा माना जा रहा है कि कतर ने पैसे दे कर के वर्ल्ड कप की मेजबानी खरीदी है. इसके जवाब में ब्लाटर ने कहा कि आगे से वर्ल्ड कप की मेजबानी का चुनाव फीफा के सभी 208 सदस्य मिल कर करेंगे. अभी तक केवल 24 सदस्यों की कार्यकारी समिति यह निर्णय लेती आई है. ब्लाटर ने कहा, "मैं नेशनल एसोसिएशंस को अधिक अहमियत देना चाहता हूं. भविष्य में वर्ल्ड कप के निर्णय फीफा कांग्रेस लेगी. कार्यकारी समिति केवल एक सूची तैयार करेगी. यह केवल एक सूची होगी, इसमें किसी की सिफारिश नहीं होगी. और कांग्रेस यह तय करेगी कि वर्ल्ड कप कहां होना है."
ब्लाटर 1998 से फीफा के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. उन्होंने कहा है कि 2015 में वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: एस गौड़