भंग होगी पाकिस्तान की जंबो कैबिनेट
५ फ़रवरी २०११राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति ने मंत्रिमंडल को भंग करने का फैसला किया. पार्टी नेतृत्व ने गिलानी से ऐसे लोगों को मंत्री बनाने को कहा है जिनकी छवि काम करने वाले काबिल नेता की हो.
पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सभी मंत्री, सलाहकार और मंत्री स्तर के अधिकारियों से जल्दी ही पद वापस ले लिए जाएंगे. इसकी तारीख का एलान जल्द किया जाएगा.
राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि 62 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल को भंग करने का फैसला सत्तारूढ़ गठबंधन के बाकी दलों से बातचीत और पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की सलाह और मार्गदर्शन में किया जाएगा.
पीपीपी पर मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन और आईएमएफ जैसे मददगार अंतरराष्ट्रीय संगठनों की तरफ से राजनीतिक सुधारों का दबाव बना हुआ है. विपक्ष की मांग है कि केंद्रीय कैबिनेट का आकार कम किया जाए और सरकारी खर्चों में भारी कटौती की जाए. पीएमएल-एन ने पिछले महीने सुधारों के लिए 10 मांगों का एक एजेंडा पीपीपी को सौंपा था जिसे मंजूर कर लिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की मांग है कि उसके एजेंडे को 20 फरवरी से पहले लागू किया जाए.
इसके अलावा पाकिस्तान को मदद देने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन भी व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं. अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान से सरकारी खर्चे घटाने और कर सुधार लागू करने को कहा है. पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद जारी रखने के बदले इन सुधारों को जल्द से जल्द लागू करने की शर्त रखी गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा