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"भट्टा-परसौल में बलात्कार की शिकायतें"

२१ मई २०११

भट्टा परसौल गांव में पुलिस अत्याचार के आरोप प्रत्यारोप के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है उसे बलात्कार, छेड़छाड़ और महिलाओं को निर्वस्त्र किए जाने की शिकायतें मिली हैं. महिला आयोग ने प्रभावित इलाकों में भेजी है टीम.

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Junges Mädchen als Opfer von häuslicher Gewalt. picture-alliance/Photoshot
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

राष्ट्रीय महिला आयोग ने तथ्यों का पता लगाने के लिए यासमीन अबरार के नेतृत्व में भट्टा और पसरौल गांव में एक टीम को रवाना किया. जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों और पुलिस में झड़प के बाद गांव में पुलिस बर्बरता के आरोप लगे हैं. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने गांव में बलात्कार किए जाने और कुछ स्थानों पर लाशों के जलाए जाने के आरोप लगाए हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है.

जांच टीम की प्रमुख यासमीन अबरार ने बताया, "कई महिलाओं ने हमें बताया कि कैसे 12-15 पुलिस वालों ने उन्हें घेर कर यौन दुर्व्यवहार किया. कुछ महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया गया. बलात्कार की भी शिकायतें मिली हैं. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का यह गंभीर मामला है." महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने के भी आरोप लगे हैं.

महिला आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों का हवाला दिया है और लोगों को जिंदा जलाए जाने के आरोप की सीबीआई जांच की मांग की है. जमीन अधिग्रहण के फैसले के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन और पुलिस से झड़प के बाद ही यह मामला गर्माया हुआ है. बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य पार्टियों ने बीएसपी सरकार पर निशाना साधा है.

मायावती सरकार ने उन पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि इलाके से राख के नमूनों को लिया गया और उनकी जांच में यह साफ हो गया है कि उसमें मानवीय अवशेष नहीं है. प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों से जमीन को खरीदा लेकिन किसानों का आरोप है कि उसके लिए काफी कम मुआवजा दिया गया. ज्यादा रकम की मांग को लेकर ही किसानों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस से उनकी झड़पें हुईं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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