भड़काऊ बयानबाजी रोके उत्तर कोरियाः अमेरिका
२४ जुलाई २०१०हाल ही में अमेरिका ने उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों का एलान किया है. साथ ही रविवार से दक्षिण कोरिया और अमेरिका एक साझा सैन्य अभ्यास भी कर रहे हैं. उत्तर कोरिया ने कहा है कि अगर उस पर इसी तरह दबाव बढ़ाने का सिलसिला जारी रहा तो वह परमाणु हथियारों के जरिए करारा जवाब देगा. उत्तर कोरिया के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, "उत्तर कोरिया के प्रति यह दुश्मनी भरे रवैये का प्रतीक है. दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैन्य अभ्यास का जबाव दिया जाएगा."
शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अपने वियतनाम दौरे में कहा, "हम उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों और भड़काऊ बयानों की निंदा करते हैं. इसमें दक्षिण कोरिया के जहाज को डुबोना भी शामिल है जिससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हुई है." अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाएं रविवार से चार दिवसीय साझा युद्ध अभ्यास शुरू करने जा रही है, जिसे उत्तर कोरिया के आक्रामक रवैये को काबू करने की कोशिश समझा जा रहा है.
अमेरिका की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के लगभग आठ हजार सैनिक, 200 लड़ाकू विमान और 20 समुद्री पोत हिस्सा लेंगे. इसके जवाब में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की उत्तर कोरियाई धमकी पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि यह गैरजिम्मेदाराना रवैया है और इसीलिए अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप का निरस्त्रीकरण चाहता है. फिलिप क्राउली ने कहा है कि उत्तर कोरिया के वाकयुद्ध में अमेरिका की कोई दिलचस्पी नहीं है, बल्कि वह चाहता है कि प्योंगयांग से जारी होने वाले भड़काऊ बयानों में कमी आए.
वहीं उत्तर कोरिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका और दक्षिणी कोरिया के सैन्य अभ्यास सिर्फ एक भड़काऊ कार्रवाई है और वह अपनी सैन्य ताकत के बल पर इस तरह की कार्रवाइयों का जबाव दे सकता है. उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी की तरफ से लगाए गए नए प्रतिबंधों पर भी खबरदार किया है. बयान के मुताबिक उत्तर कोरिया अपनी परमाणु प्रतिरोध क्षमता का और विकास करेगा.
पिछले दिनों अपने सियोल दौरे में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों का एलान किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह