भारतीय फुटबॉल में जान फूंकेंगे विदेशी धुरंधर
२४ जनवरी २०१२विदेशी मेहमानों के दल में इटली को अपनी कप्तानी में 2007 का वर्ल्ड कप जिताने वाले फाबियो कानावारो, इंग्लिश क्लब आर्सेनल के धुरंधर रॉबर्ट पाइरेस, अर्जेंटीना के स्ट्राइकर हेरनान क्रेस्पो और पुर्तगाल के पूर्व स्टार खिलाड़ी फर्नांडो क्वाटो शामिल हैं. फाबियो को फुटबॉल जगत के सबसे बड़े डिफेंडरों में गिना जाता है. उन्हें 'बर्लिन की दीवार' कहा जाता रहा.
इनके अलावा नाइजीरिया के जेजे ओखा और लीवरपूल के पूर्व स्ट्राइकर रोबी फोवलेर और स्पेन के फर्नांडो मोरिएंटेस भी हैं. यह सभी भूतपूर्व खिलाड़ी 35 से 40 साल के बीच हैं, लेकिन उनमें अपार अनुभव के साथ काफी दमखम बचा हुआ है. मेहमान फरवरी के आखिर में पश्चिम बंगाल आएंगे.
धुरंधर छह टीमों वाली फुटबॉल लीग में खेलेंगे और अपनी टीमों को कोचिंग भी देंगे. प्रीमियर लीग सॉकर टूर्नामेंट के आयोजकों को उम्मीद है कि लीग भारत में फुटबॉल के उत्साह को तूफानी लहर में बदल देगी. इसमें कोई शक नहीं है कि कुछ भारतीय राज्यों में फुटबॉल का खेल काफी लोकप्रिय है. पश्चिम बंगाल, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में आज भी स्थानीय फुटबॉल टूर्नामेंटों के दौरान गजब की भीड़ होती है.
लेकिन इस फुटबॉल प्रेम को भारत अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं भुना सका है. फुटबॉल व उसके प्रतिभाशाली खिलाड़ी अनदेखी, अफसरशाही और क्रिकेट की चमक का शिकार हैं. 120 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला भारत जनसंख्या के आधार पर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल रैंकिंग में वह 158 वें नंबर पर हैं. बांग्लादेश भी भारत से इस मामले में आगे है. कई दशकों से भारत ने अपनी टीम फुटबॉल वर्ल्ड कप में नहीं भेजी है. हालांकि भारत में डूरंड कप जैसा फुटबॉल का ठीक ठाक मुकाबला बीते 100 सालों से होता आ रहा है.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (फीफा) और फुटबॉलप्रेमी भारत में खेल को उसके सही मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं. प्रीमियर लीग सॉकर टूर्नामेंट के आयोजकों में से एक भस्वर गोस्वामी कहते हैं कि उन्होंने आईपीएल और अमेरिका की मेजर लीग सॉकर जैसा मॉडल अपनाया है. इस मॉडल की परीक्षा 25 फरवरी से आठ अप्रैल तक होगी.
टूर्नामेंट को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की अनुमति मिल चुकी है. जनवरी अंत में छह टीमों के लिए बोली लगेगी. गोस्वामी के मुताबिक कई कंपनियों ने टीमों को खरीदने की इच्छा जताई है. एक फ्रैंचाइजी ज्यादा से 30 खिलाड़ियों को खरीद सकेगी. टीम खरीदने वाले अपनी टीम के लिए एक बड़ा खिलाड़ी, तीन विदेशी खिलाड़ी और एक विदेशी कोच खरीद सकेंगे. सात बड़े विदेशी खिलाड़ियों की कीमत पांच लाख से आठ लाख डॉलर रखी गई है.
हर टीम में कम से कम 14 भारतीय खिलाड़ी होंगे. छह खिलाड़ी 21 साल के कम उम्र के होंगे. ऐसे खिलाड़ियों को पश्चिम बंगाल और कोलकाता के अलग अलग इलाकों से चुना जाएगा. यह फैसला थोड़ा हैरानी भरा जरूर है कि खिलाड़ी सिर्फ पश्चिम बंगाल से ही क्यों चुने जाएंगे. हालांकि लीग के लोकप्रिय होते ही इस सीमा के टूटने की उम्मीद है.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: महेश झा