भारत अमेरिका के लिए अहम बाजार: अमेरिकी चैंबर
९ अप्रैल २०१०यूसीसी प्रमुख थॉमस जे डॉनोह्यू अमेरिकी वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर की सफल नई दिल्ली और मुंबई यात्रा के बाद भारत जा रहे हैं. उनकी इस यात्रा को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बुश प्रशासन के दौरे में भारत अमेरिकी परमाणु करार को पास कराने में यूसीसी ने अहम भूमिका निभाई थी. डॉनोह्यू के साथ भारत अमेरिकी व्यापार परिषद के अध्यक्ष रॉन सोमर्स भी भारत की यात्रा पर होंगे.
अमेरिकी चैंबर का मानना है कि भारत अमेरिकी परमाणु करार के तहत अमेरिकी कंपनियों को 150 अरब डॉलर का कारोबार मिल सकता है और अमेरिका में उच्च दक्षता वाली ढाई लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं. भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्था को कारोबार के लिहाज से बेहद अहम बताते हुए डोनोह्यू ने कहा, "भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण बाजा़र है और बढ़ते द्विपक्षीय व्यापारिक और निवेश संबंध दोनों देशों में नौकरियों के नए अवसर पैदा करने और प्रगति के लिए बहुत जरूरी हैं."
अपने सात दिन के दौरे में डोनोह्यू उच्च व्यापारिक और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे और नई दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश उनकी यात्रा के पड़ाव होंगे. वह कहते हैं, "नौकरियों के असवर पैदा करने के लिए हम सरकारों से न सिर्फ यह अपील करते हैं कि वे संरक्षणवाद से परहेज करें बल्कि बाजारों को खोलना, घरेलू स्तर पर सुधारों को लागू करना और व्यापार, उर्जा और बौद्धिक संपदा को संरक्षित रखना भी जारी रखें."
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 40 अरब डॉलर पार कर गया है और अगले दशक में इसमें 10 प्रतिशत की रफ्तार से वृद्धि होने की संभावना है. अपने भारत दौरे में डोनोह्यू व्यापार और निवेश बढ़ाने, बुनियादी ढांचे का विस्तार करने और तकनीकी क्षेत्र में कारोबार की संभावनाएं तलाशेंगे जिससे दोनों देशों में और नौकरियां पैदा की जा सकें.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एम गोपालकृष्णन