भारत, नेपाल में भूंकप के तेज झटके
१८ सितम्बर २०११नेपाल के सरकारी टीवी ने बताया है कि भूकंप की वजह से दो लोग राजधानी काठमांडू में और तीन देश के पूर्वी हिस्से में मारे गए हैं. भूकंप के केंद्र से 270 किलोमीटर दूर काठमांडू में भूकंप आते ही लोगों में अफरा तफरी मच गई. पर्यटक और हजारों स्थानीय लोग घरों से बाहर सड़कों व खुली जगहों पर आ गए. काठमांडू में ब्रिटेन के दूतावास के परिसर में कुछ हिस्सा ढह गया हैं.
भूकंप के तेज झटकों की वजह से भारतीय राज्य सिक्किम में कई इमारतों में दरार पड़ चुकी है. राज्य के मुख्य सचिव कर्मा गिआस्तो ने भारतीय टीवी चैनल सीएनएन-आईबीएन से कहा, "यह एक शक्तिशाली भूंकप था. हमने सेना और अर्धसैनिक बलों को सतर्क कर दिया है." ऐसी खबरें हैं कि भूकंप की वजह से एक बच्चे की मौत हुई है. यह जानकारी गिआस्तो ने ही दी, हालांकि उन्होंने कहा कि इन खबरों की पुष्टि होनी अभी बाकी है.
सिक्किम में भूंकप के बाद से टेलीफोन सेवाएं ठप पड़ गई है. मोबाइल फोन भी नहीं चल रहे हैं. इसकी वजह से ज्यादा जानकारी नहीं आ पा रही है. गंगटोक निवासी सीके दहल ने बताया कि भूकंप के तेज झटके करीब 20 सेकेंड तक महसूस किए गए. भूकंप के तुरंत बाद बिजली भी चली गई, जिस वजह से राज्य के कई हिस्से अंधेरे में डूब गए हैं. दहल ने कहा, "बिजली नहीं है और लोग सड़कों पर आ गए हैं."
भूकंप की वजह से बड़ी बड़ी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. एक सम्मेलन में हिस्सा लेने गंगटोक गए डॉक्टर मनीष शर्मा ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, "मैं गंगटोक में विधानसभा भवन के पास हूं. मैं देख सकता हूं कि बाहरी इमारत का एक हिस्सा नीचे आ गया है. एक जगह से लाइट निकलती हुई भी दिख रही है. यह हिस्सा ढहा नहीं है लेकिन दो हिस्सों में टूट गया है."
यूएस जिओलॉजिकल सर्वे के मुताबिक शाम छह बजकर 10 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र राज्य की राजधानी गंगटोक से 60 किलोमीटर दूर था. भूकंप के झटके पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों और बिहार तक महसूस किए गए. बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में जमीन हिल गई.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन