भारत ने 100 आतंकी संगठनों पर पाबंदी लगाई
१६ मई २०१०इंडोनेशिया का जेमा इस्लामिया, लीबिया का इस्लामिक जिहाद ग्रुप, मोरक्को का इस्लामिक कॉम्बेटेंट ग्रुप, मिस्र का इजिप्शियन इस्लामिक जिहाद जैसे संगठन इस लिस्ट में शामिल हैं. जेमा इस्लामिया पर इंडोनेशिया के बाली बम कांड में शामिल होने का आरोप है. ये संगठन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल की तरफ से भी आतंकी संगठनों में शामिल हैं.
भारत ने इन सहित 100 से भी ज्यादा संगठनों को गैरकानूनी करार दिया है और उनके नाम गृह मंत्रालय की सूची में जोड़ दिया गया है. समझा जाता है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में बेहतर काम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस लिस्ट पर भारत पहले से ही नजर बनाए हुए था लेकिन इन संगठनों के खिलाफ कभी इस तरह की कार्रवाई नहीं की गई थी.
सूची में जिन फिलीपीन के इंटरनेशनल इस्लामिक रिलीफ ऑर्गेनाइजेशन और उजबेकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नाम भी शामिल हैं. बदलते वक्त के साथ इस सूची में आतंकवादी संगठनों के नाम घटाए बढ़ाए जा सकते हैं.
गृह मंत्रालय इस सूची को आखिरी रूप दे रहा है और जल्द ही इसे वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा. इसमें खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स को भी शामिल किया गया है. खालिस्तान से जुड़े तीन और संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के नाम पहले से ही इस सूची में हैं. हाल के कुछ सालों में सिख आतंकवाद एक बार फिर से भारत के लिए खतरा बन रहा है.
नई सूची के बाद भारतीय एजेंसियों को इससे जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ अदालती कार्रवाई में आसानी हो सकती है. सूची में जो नाम हैं, उनमें महत्वपूर्ण हैं, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तहरीक ए फुरकान, अल बद्र, जमीयत उल मुजाहिदीन, अल कायदा, हरकत उल मुजाहिदीन, हरकत उल अंसार, हरकत उल जिहाद ए इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन, अल उम्र मुजाहिदीन, जम्मू कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, उल्फा, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड, लिट्टे, सिमी, दीनदार अंजुमन, सीपीआई (मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट पीपुल्स वार) और माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह