भारत पर भड़का पाकिस्तान
१६ जनवरी २०१३खर का कहना है कि बातचीत का रास्ता पहले से ही बहुत नाजुक है और "भारत की वजह से" यह और खराब हो सकता है. मुंबई के आतंकवादी हमलों के बाद दोनों मुल्कों की बातचीत टूट गई थी. अभी हाल में वह दोबारा शुरू हुई है लेकिन सीमा पर तनाव के साथ उस पर खासा असर पड़ा है. पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय सेना ने एक बार फिर "बिना उकसावे के" उनके सैनिकों पर हमला किया, जिसमें एक फौजी मारा गया. छह जनवरी को शुरू हुए इस संघर्ष में दोनों पक्षों के पांच लोग मारे जा चुके हैं.
पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई महानिदेशक ने भारतीय सेना में अपने सहयोगी से फोन पर बात की है और इस मुद्दे पर अपना एतराज जताया है. पाकिस्तान इस पूरे मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहता है, जबकि भारत इससे इनकार करता है. उसका कहना है कि विवाद के मुद्दों को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाने में सक्षम है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री खर का कहना है कि इन घटनाओं पर भारतीय नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उससे उन्हें बहुत निराशा हुई है. खर का कहना है कि यह एक तरह से युद्ध की बात करने जैसा है, "यह बेहद दुख पहुंचाने वाली बात है कि वहां से एक से एक बयान आ रहे हैं. आपसी मुकाबले में नेता एक दूसरे को पछाड़ने के लिए बयान दे रहे हैं."
दक्षिण एशिया के लिए मुश्किल
खर का कहना है कि भारत, पाकिस्तान और समूचा दक्षिण एशिया इन दोनों मुल्कों के बीच किसी तरह का संघर्ष नहीं झेल सकता और हमारी सरकार "बिना किसी अड़चन और बाधा" के बातचीत चाहती है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु ताकत से संपन्न राष्ट्र हैं.
भारत और पाकिस्तान में 2003 में संघर्ष विराम हुआ था. भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने इसे तोड़ते हुए इस जनवरी में उसके दो सैनिकों को मार डाला और एक का सिर काट कर ले गए. भारतीय सेना अपने फौजी का सिर वापस करने की मांग कर रही है, जो अभी तक उन्हें नहीं मिला है.
दूसरी तरफ पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है और उसका कहना है कि मामले की शुरुआत भारत की ओर से हुई है. भारतीय सेना प्रमुख बिक्रम सिंह ने पिछले दिनों अपनी सेना को संबोधित करते हुए उन्हें "हर मुमकिन जवाब" देने का निर्देश दिया था. बुधवार को उन्होंने हेमराज सिंह के घर का दौरा किया. हेमराज वह भारतीय सैनिक थे, जिनका सिर काट लिया गया है.
अब भी बात पर जोर
दोनों मुल्कों के बीच आजादी के बाद से चार युद्ध हो चुका है, जिनमें से तीन कश्मीर के मुद्दे पर हुआ है. दोनों ही पक्ष इस पर अपना कब्जा जताते हैं. खर का कहना है कि उन्हें युद्ध और संघर्ष के इतिहास से बाहर आने की जरूरत है, "बातचीत का दरवाजा खुला है. हमें किसी भी स्तर पर मिलना होगा. मुझे लगता है कि हमें एक दूसरे से बात करनी होगी. हमें परिपक्व राष्ट्र बनना होगा, जिन्हें पता है कि इन समस्याओं से कैसे निपटना है."
खर ने इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय फौजी का सिर काटा है. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच हो चुकी है और यह बात निराधार पाई गई है. खर के इन बयानों से दोनों देशों के रिश्ते और तल्ख हो सकते हैं. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस मामले में बोल चुके हैं और उन्होंने भारतीय सैनिक के सिर काटे जाने की घटना को "स्वीकार नहीं किया जा सकने वाला" बताया है और कहा है कि "पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध नहीं बने रह सकते हैं".
भारतीय मीडिया का कहना है कि प्रधानमंत्री के इस बयान से पाकिस्तान को कड़ा संदेश जाएगा. हाल ही में दोनों देशों के बीच क्रिकेट रिश्ते बने थे, जो हमेशा से संबंधों में गर्माहट लाने का काम करते हैं. लेकिन इस घटना के बाद खेल रिश्तों पर विराम लग गया. भारत में खेलने आए हॉकी खिलाड़ियों को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है. भारत ने बुजुर्गों के लिए वीजा नियमों में जो ढील दी थी, वह भी रोक दी गई है.
एजेए/एमजे (पीटीआई, एएफपी)