'भारत-पाक के बीच अमन मुश्किल'
१७ फ़रवरी २०१२क्लैपर सीनेट की रक्षा समिति के सवालों का जवाब दे रहे थे. सीनेट की इस समिति ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के बारे कुछ सवाल उठाए थे. क्लैपर ने कहा, "दोनों देशों के बीच बातचीत में कुछ सकारात्मक नतीजे आए हैं और भारतीयों के साथ मेरी बातचीत के बाद मुझे पता है कि वह तनाव कम करने में बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं."
क्लैपर का कहना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कुछ बहुत मौलिक परेशानियां हैं जिन्हें खत्म करने में काफी मुश्किले आएंगीं. क्लैपर ने इन मुश्किलों के बारे में और जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि इनपर बहस केवल खास लोगों के साथ हो सकती है.
नैशनल इंटेलिजेंस एजेंसीज एनआईए के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे क्लैपर से सीनेट सदस्यों ने पूछा, "पाकिस्तान के भारत के साथ संबंधों का सीधा असर उसकी सुरक्षा योजना पर पड़ता है. क्या दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों के बारे में बात की जा सकती है और इससे इलाके में स्थिरता पर क्या असर पड़ेगा?"
क्लैपर ने अपने जवाब में कहा कि पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. लेकिन इस्लामाबाद ने नई दिल्ली से बातचीत शुरू की है जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के बारे में सोचा जा रहा है. क्लैपर ने साथ ही यह भी कहा कि इस वक्त दोनों देशों की सेनाओं में भी शांति बनी हुई है लेकिन अगर एक और बड़ा आतंकवादी हमला होता है और इसमें भी पाकिस्तान की आड़ में छिपने वाले आतंकवादियों का पता चलता है तो इससे परेशानी होगी. क्लैपर का कहना है कि भारत और पाकिस्तान जल्द ही आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए खास बैठक करेंगे.
जहां पाकिस्तान के साथ संबंधों पर बेहतरी की बात की जा रही है, वहीं अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि चीन के खिलाफ भारत अपनी सेना को और मजबूत कर रहा है. डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी डीआईए के प्रमुख रोनल्ड बर्गेस ने कहा, "विवादित सीमा पर शांति बनी हुई है." लेकिन भारत एशिया-प्रशांत इलाके में चीन के आक्रामक अंदाज से चिंतित है, हालांकि भारतीय अधिकारी चीन के साथ युद्ध की संभावना से मना कर रहे हैं. हाल ही में एनआईए प्रमुख क्लैपर ने चीन और भारत में तनावों की बात की थी.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः महेश झा