भारत में कारोबार की संभावनाएं तलाशते जर्मन मंत्री
२० अप्रैल २०११जर्मनी के परिवहन मंत्री पीटर रामजावर तीन दिन के भारत दौरे पर हैं. सिर्फ परिवहन ही नहीं उनके जिम्मे देश का भवन निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय भी है और उन्हें यकीन है कि भारत में जर्मन कंपनियों के लिए बहुत काम हासिल हो सकता है.
डॉयचे वेले से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत यात्रा के दौरान वह परिवहन, निर्माण, रेलवे, शहरी विकास और कुछ दूसरे मंत्रालयों से जुड़े मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. पीटर रामजावर के मुताबिक, "दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की काफी संभावनाएं हैं. भारत में एयरपोर्ट, बंदरगाह, और रेलवे के विकास को अभी काफी आगे जाना है. इसके अलावा भारत में कई चुनौतियां मौजूद हैं जिन्हें पार पाने में जर्मनी कई प्रकार से सहायक हो सकता है.
जर्मनी परिवहन के मामले में दुनिया में सबसे आगे है ऐसे में खास भारत के लिए उसके पास ऐसा क्या है जिसकी यहां बेहद जरूरत हो? रामजावर ने इस सवाल के जवाब में कहा, "मैं केवल तीन चीजों का नाम लूंगा, हम रेलवे में बहुत आगे हैं, भवन निर्माण और बंदरगाहों का संचालन हम बहुत अच्छी तरह से करते हैं और हवाई अड्डों का निर्माण और उनकी देख रेख में भी हमारा कोई मुकाबला नहीं. इसके अलावा हमारे यहां की कई कंपनियां हैं जिन के पास सड़क निर्माण का अनुभव बेहद शानदार है.
जर्मनी पर्यावरण के अनुकूल तकनीक के विकास में भी काफी आगे है इसके अलावा जिस तरह से यहां के शहरों का विकास किया गया है वह भी दुनिया के सामने एक अच्छी मिसाल पेश करते हैं. तो क्या भारत के लिए भी उनकी पोटली में ऐसी कोई योजना है. जवाब में रामजावर ने बताया कि जर्मनी बिजली के निर्मण और घरों में बिजली के इस्तेमाल की दिशा में पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों के विकास पर जोर दे रहा है. उनका मानना है कि इस मामले में भारत ने भी तकनीकी रूप से काफी उन्नती की है. उनका कहना है,"हम भारत से तकनीक सीख सकते हैं और दूसरी तरफ जिन समस्याओं को हमने अपने देश में सुलझा लिया है उन्हें भारत से दूर करने में मदद कर सकते हैं." जर्मन परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में लोग गांवो से शहरों की ओर और छोटे शहरों से बड़े शहरों की तरफ तेजी से जा रहे हैं. इसकी वजह से बड़े शहरों का ढांचा चरमरा गया है ऐसे में जर्मनी शहरी विकास के अपने फॉर्मूले से इस समस्या को हल करने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है.
पीटर रामजावर का ये दौरा फिलहाल संभावनाओं की तलाश के लिए है. छह हफ्ते बाद ही जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल भारत के दौरे पर आने वाली है उस दौरान दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग के कई समझौतों पर भी दस्तखत होने हैं.
रिपोर्टः इफ्तिखार गिलानी/ एन रंजन
संपादनः उभ