भारत में ब्लैकबेरी के दरवाजे लगभग बंद
११ अगस्त २०१०सूत्रों के मुताबिक सरकार ने ब्लैकबेरी मोबाइल सेट बनाने वाली कंपनी रिसर्च इन मोशन "रिम" को यह अल्टीमेटम दे दिया है. हालांकि यह कार्रवाई कंपनी की ओर से सरकार को उपभोक्ताओं के यूजर कोड सौंपने की सहमति देने के बावजूद की गई है. सऊदी अरब में भी कंपनी प्रतिबंध से बचने के लिए यह अधिकार वहां की सरकार को सौंप चुकी है, जिससे ब्लैकबेरी मैसेंजर से भेजी जाने वाली सूचनाओं के आने जाने पर निगरानी रखी जा सके.
भारत में आंतरिक सुरक्षा मामलों के मुख्य सचिव यूके बंसल ने बताया कि सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच गुरुवार को इस मसले पर बैठक होगी. कंपनी के पास सरकार की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने का यह आखिरी मौका होगा. सरकार की चिंता है कि ब्लैकबेरी की सेवाएं कनाडा और अमेरिका से संचालित होने के कारण इसके जरिए होने वाले संदेशों के आदान प्रदान पर निगरानी नहीं रखी जा सकती है. इसका आतंकवादियों द्वारा दुरुपयोग करने की प्रबल आशंका के चलते सरकार ने सख्त रुख अपनाया है.
भारत भी मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के तमाम देशों की तरह ब्लैकबेरी की मैसेंजर सेवाओं पर निगरानी का अधिकार अपने हाथ में रखना चाहता है. मुंबई हमले में आतंकवादियों के मोबाइल और सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल के मद्देनजर सरकार इस मामले ढिलाई बरतने को कतई तैयार नहीं है.
रिपोर्टः एजेंसी निर्मल
संपादनः ए जमाल