"भारत में भ्रष्टाचार का भोकाल ज्यादा है"
३ दिसम्बर २०१०संसद में सालाना हिरेन मुखर्जी स्मृति व्याख्यान में भगवती ने कहा, "भ्रष्टाचार को बढ़ा चढ़ा कर पेश करना बहुत आसान है. जब तक सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग खुद को साबित न करें, तब तक उन्हें आम तौर पर भ्रष्ट ही समझा जाता है. एक नेत्रहीन व्यक्ति भी आपको बता देगा कि वह रिश्वत लेने और देने को कैसे देखता है."
भ्रष्टाचार कई देशों में पाया जाता है. भगवती कहते हैं, "वही नाटक है. बस किरदार अलग होते हैं." भगवती ने यह बात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में कही जो कैंब्रिज में उनके जूनियर रहे हैं. कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र और कानून के प्रोफेसर भगवती कहते हैं कि भारत की समस्या यह है कि यहां भ्रष्टाचार के लिए किसी को सजा नहीं होती है जबकि अगर अमेरिका में आप पकड़े जाते हो तो भगवान भी आपको नहीं बचा सकता.
भगवती ने 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया लेकिन कहा कि अगर हम यह मानने लग जाएंगे कि सार्वजनिक जीवन में मौजूद हर व्यक्ति भ्रष्ट है तो यह खुद के पांवों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा. कुछ दिनों पहले बिहार में विकास के नाम पर वोट मांगने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीत का भी उन्होंने जिक्र किया और सांसदों से कहा कि उन्हें लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करना है. वह कहते हैं, "बेहतर जीवन की बढ़ती इच्छा के चलते जरूरी हो गया है कि राजनेता और कदम उठाएं. इससे पता चलता है कि लोग ऐसे राजनेताओं को वोट देंगे जो काम करके दिखाते हैं." उन्होंने नीतीश कुमार की भूरी भूरी प्रशंसा की.
भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश पीएन भगवती के भाई जगदीश भगवती ने विकास और आर्थिक सुधारों के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश की. वह कहते हैं, "लोकसभा के समझदार सदस्यों को सुधारों की ओर देखना चाहिए. वे गुमराह सुधार विरोधियों की टोली का हिस्सा न बनें. इन सुधारों से ही गरीब और वंचित लोगों की जिंदगी सुधर सकती है."
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस बुराई से संस्थागत सुधारों और विज्ञान के इस्तेमाल के जरिए ही निपटा जा सकता है. इस बारे में उन्होंने गरीबों को इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र देने का हवाला दिया. भगवती ने कहा कि नंदन निलेकणी भारतीय नागरिकों की पहचान से जुड़ी जानकारी का जो डाटाबेस तैयार करने में जुटे हैं, वह हाल के वर्षों का सबसे प्रगतिशील सुधार है. इसके जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और रोजगार गारंटी योजना से राजनीतिक भ्रष्टाचार दूर होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार