भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ अमेरिका में दांडी मार्च
१३ मार्च २०११आयोजकों का मानना है कि भारतीय होने के नाते एन आर आई लोगों का भी विरोध में अपनी आवाज़ उठाने का दायित्व बनाता है. मार्च के एक आयोजक वर्मा दंत्लूरी कहते हैं, '' एनआरआई होते हुए भी हमें भारत के बारे में चिंता है. हम इस भ्रष्टाचार रूपी कैंसर से चिंतित हैं और उसे दूर करना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि भारत के विकास के रस्ते में कोई बाधा आये." वर्मा के अनुसार आज 80 प्रतिशत भरतीय प्रति दिन के 8 डॉलर से कम कमाते हैं, देश का हर दूसरा बच्चा कुपोषित है, जबकि एक के बाद एक घोटालों में अरबों रुपयों का घपला होता है. इसीलिये यह मार्च किया जा रहा है. "हमें लगा की यह दूसरा आंदोलन है, भ्रष्टाचार से स्वतंत्रता पाने का आंदोलन."
240 मील की ही दूसरी दांडी यात्रा
गांधीजी ने 240 मील की आपनी दांडी यात्रा 12 मार्च को आरम्भ की थी. उसी दिन को लेकर दांडी मार्च-2 भी 12 मार्च को केलिफोर्निया राज्य के सेन-डिएगो शहर से शुरू हो कर 240 मील बाद केलिफोर्निया के ही सेन फ्रैंसिस्को शहर में महात्मा गांधी की मूर्ती के निकट समाप्त होगा. यात्रा का उद्देश्य प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह तथा पक्ष-विपक्ष के नेताओं को एक ज्ञापन देना है जिसमे सरकार से लोकपाल बिल पारित करने का आग्रह किया जाएगा और विदेशों में जमा काले धन को वापस भारत लाने की मांग की जायेगी.
लगभग 10 हजार लोगों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं. समर्थन करने वाले हर उम्र हर पेशे के लोग हैं. भारत से दूर बैठे इन आप्रवासियों का आंदोलन कितना असर करेगा इस पर वर्मा दंत्लूरी कहते हैं, "हम कहीं भी हों, हैं तो भारतीय ही, और भ्रष्टाचार के विरोध में आन्दोलन चलाने के लिये भारत में होना ज़रूरी नही है. हम दूर रह कर भी खामोश नहीं बैठे रह सकते हैं." वह हांगकांग का उदाहरण देते हैं जहां समस्या से तंग आकर लोगों ने आवाज़ उठायी, एक आयोग बना जिसे भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने का पूरा अधिकार दिया गया. आज वहां भ्रष्टाचार बहुत कम हो गया है.
12 मार्च को आरम्भ हो रहे दांडी मार्च-2 के समर्थन में 24 मार्च को अमेरिका, भारत तथा कई अन्य देशों के बड़े-बड़े शहरों में भी इस प्रकार की यात्रायें की जायेंगी. उधर भारत में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कार्यरत कई लोग व संस्थाएं दांडी मार्च-2 को समर्थन दे रहे हैं.
रिपोर्ट: न्यू यॉर्क/अंबालिका मिश्रा
संपादन: ईशा भाटिया