भारत से सभी मुद्दों पर बातचीत का इच्छुक पाकिस्तान
१९ अक्टूबर २०१०पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका के हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में दिए भाषण में कहा कि उनका देश कश्मीर सहित सभी विवादों को सुलझाना चाहता है. हालांकि कुरैशी ने अमेरिका को इसमें शामिल करने की बात कही है जो भारत को शुरू से ही स्वीकार्य नहीं रही.
भारत अमेरिका सहित किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं चाहता है और पहले से ही सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने की पहल कर रहा है. कुरैशी ने कहा "पाकिस्तान कश्मीर सहित सभी मसलों का बातचीत के जरिए समाधान चाहता है जिससे दोनों देशों के बीच सामान्य रिश्ते बहाल हो सकें. हमें इस हकीकत को समझना चाहिए कि दक्षिण एशिया के दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों पाकिस्तान और भारत के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ते समूचे इलाके में शांति की कुंजी हैं"
कुरैशी ने दलील दी कि अमेरिका दोनों देशों का मित्र देश है और इस नाते उसे आपसी विवादों को सुलझाने में अपने प्रभाव का हर संभव इस्तोमाल करना चाहिए. इससे कश्मीर के नाम पर मुस्लिम समुदाय में भड़कने वाले असंतोष को भी शांत किया जा सकेगा और इसी असंतोष से ऑक्सीजन पा रहे आतंकवादियों को भी नेस्तनाबूद करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कश्मीर के मौजूदा हालात को चिंताजनक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के लोग खासकर नई पीढ़ी चाहती है कि इस मसले का अब हल निकले, ताकि टाइम बम बन चुके कश्मीर को विस्फोट से बचाया जा सके.
कुरैशी ने कहा "आतंकवाद दोनों देशों के लिए नासूर बन चुका है और हमें मिलकर ही इसका इलाज करना होगा. हम जितना एक दूसरे से दूर भागेंगे, आतंकवादी उतना ही इसका फायदा उठाएंगे." उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को समझना होगा कि चरमपंथ और आतंकवाद दोनों देशों की साझा समस्या है. इसलिए इससे मिलकर ही निपटना होगा, इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
रिपोर्टः पाटीआई/निर्मल
संपादनः ए. कुमार